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नई दिल्ली, अफगानिस्तान अब इस्लामिक अमीरात बन चुका है। लेकिन तालिबानियों की दहशत से अफगानियों में त्राहिमाम मची हुई है। महिलाओं और बच्चों का रो-रो कर बुरा हाल है। आतंकवादियों के हाथ सत्ता की बागडोर जाने के बाद खौफजदा लोगों का मंजर देखकर अब अफगानिस्तान की तुलना खौफिस्तान के रूप में होने लगी है। तालिबान की क्रूरता का खौफ अफगानियों में इतना ज्यादा है कि वे दुनिया से उन्हें वहां से निकालने की दुहाई दे रहे हैं।
तालिबानियों द्वारा सत्ता संभालने के बाद अफगानिस्तान में लोगों के भागने की अफरा-तफरी के बीच कई तस्वीरें सामने आ रही हैं, जो तालिबान की क्रूरता की कहानी बयां कर रही हैं। उन तस्वीरों से अफगानियों के भविष्य का अनुमान लगाया जाने लगा है। शुरूआत में सत्ता की कमान संभालने जा रहे जिन लोगों का नाम सामने रहा है, उनका इतिहास आतंक, क्रूरता, खुंखार, निर्ममता से भरा पड़ा है। अब अफगानिस्तान में खुशहाली आएगी या बदहाली, इसे लेकर देशवासी सकते में हैं। तालिबान का दावा है कि नए शासनकाल में वह महिला अधिकारों को सुरक्षा देगा लेकिन जमीनी हकीकत इससे बिल्कुल उलट है। शहर की दीवारों पर लगे महिलाओं के पोस्टरों को पेंट करने की तस्वीरें सामने आने लगी हैं। वहीं परिवार के साथ बाजार में निकली एक महिला को तालिबान लड़ाकों ने इसलिए फटकार लगाई क्योंकि सैंडल से उसका पैर दिखाई दे रहा था। अफगानिस्तान में तालिबानी शासन आने के बाद वहां की महिलाओं के जीवन पर सबसे बुरा असर पड़ रहा है। महिलाओं पर कई तरह की पाबंदियां लगाई जा रही हैं। पहले दिन ही तालिबानी लड़कों ने ब्यूटी सैलून के बाहर लगी महिलाओं की तस्वीर फाड़ दी क्योंकि उन्होंने बुर्का नहीं पहना था। सड़कों पर तालिबानी बंदूकें लिए गश्त लगा रहे हैं। लोग दुकानें खोलने से डर रहे हैं। खौफ से महिलाएं और बच्चे घर में दुबके हुए हैं।

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