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ठाणे, महाराष्ट्र के ठाणे में एक गांव की 35 वर्षीय ‘काटकरी’ आदिवासी महिला की दुर्दशा का पता चलने पर जिलाधिकारी राजेश नार्वेकर ने मुरबाड तालुका के अधिकारियों को उस विधवा महिला को तत्काल सभी सुविधाएं उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है।
आदिवासी महिला कुष्ठ रोग से ग्रसित है और भुखमरी का सामना कर रही है।
मुरबाड तालुका के गांव में रहने वाली महिला की स्थिति के बारे में उस समय पता चला जब राज्य में आदिवासियों के कल्याण के लिए चलाई जा रही योजनाओं को लागू करने वाली समिति के अध्यक्ष विवेक पंडित ने ठाणे, पालघर, रायगढ़ और नासिक जिले के विभिन्न गांवों का दौरा किया।
जिलाधिकारी ने विवेक पंडित को भेजे एक संदेश में कहा, ” श्रीमान जी महिला को तत्काल प्रभाव से अंत्योदय राशन कार्ड और संजय गांधी योजना की सब्सिडी उपलब्ध कराई जा रही है।”
मुरबाड तालुका के मेल्हे गांव की लीना खांडू मुकने की स्थिति देखकर विवेक दंग रह गए और उन्होंने कहा कि देश की आजादी के 75 वर्षों के बावजूद यह महिला मूलभूत सुविधाओं से वंचित है, जोकि बेहद शर्म की बात है।
लीना के पति की कुष्ठरोग के कारण कई वर्षों पहले मौत हो गयी थी, जोकि लीना को याद तक नहीं है। लीना के पास राशन कार्ड, आधार कार्ड और मतदाता पहचान पत्र के अलावा कोई आवश्यक दस्तावेज मौजूद नहीं है, जिससे कि वह सरकार की ओर से चलाई जा रही कल्याणकारी योजनाओं का लाभ उठा सके।
विवेक पंडित के नेतृत्व वाली समिति के सदस्यों ने जब लीना की झोपड़ी का दौरा किया तो वहां केवल थोड़े से चावल, कुछ आलू और टमाटर रखे हुए थे।

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