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मुंबई : कोरोना वायरस संक्रमण के मामले कम होने के साथ ही अब मुंबई को कोविड-19 पाबंदियों से छूट देने की मांग उठ रही है. कांग्रेस समेत अन्‍य दल और लोग महाराष्‍ट्र सरकार से मुंबई की लोकल ट्रेनों को आम लोगों के लिए भी शुरू करने की मांग कर रहे हैं. इस बीच महाराष्‍ट्र के मंत्री राजेश टोपे ने इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया दी है. उनका कहना है कि मुंबई लोकल ट्रेनों में आम लोगों को सफर की इजाजत देने संबंधी निर्णय को अभी विचार करने के लिए रखा गया है. इस पर अंतिम निर्णय मुख्‍यमंत्री उद्धव ठाकरे को लेना है.

राजेश टोपे का कहना है, ‘हम इस मामले में इनकार नहीं कर रहे हैं, लेकिन अभी मुंबई लोकल ट्रेनों के संबंध में फैसले को रोककर रखा गया है. इस संबंध में विभिन्‍न मसलों पर विचार करना बाकी है. मुख्‍यमंत्री इस पर आगे चर्चा करेंगे. पिछले महीने महाराष्‍ट्र के कैबिनेट मंत्री असलम शेख ने कहा था कि मुंबई लोकल ट्रेनों में वैक्‍सीन की दोनों डोज लगवा चुके आम लोगों को सफर की इजाजत देने का फैसला जल्‍द ही लिया जा सकता है. अभी मार्च 2020 से मुंबई लोकल ट्रेनों में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए आम लोगों का सफर बंद कर दिया गया था. सिर्फ फ्रंटलाइन वर्कर्स ही मुंबई लोकल ट्रेनों में सफर कर रहे हैं.

वहीं बॉम्बे हाईकोर्ट ने भी महाराष्ट्र सरकार से सोमवार को प्रश्न किया था कि कोरोना वायरस संक्रमण रोधी टीके की दोनों खुराक ले चुके लोगों को मुंबई में लोकल ट्रेनों में यात्रा करने की इजाजत क्यों नहीं दी जा सकती. मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति जीएस कुलकर्णी की पीठ ने कहा कि अगर संक्रमण रोधी टीके की खुराक लेने के बाद भी नागरिकों से घरों के अंदर रहने की उम्मीद की जाती है तो टीके की दोनों खुराक लेने का मतलब ही क्या है.

पीठ ने महाराष्ट्र के महाधिवक्ता आशुतोष कुंभकोणि के कथन पर यह सवाल किया. कुंभकोणि ने पीठ को सूचित किया था कि राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकार सभी अधिवक्ताओं, न्यायिक क्लर्क और अदालत के कर्मचारियों को लोकल ट्रेनों में यात्रा करने की अनुमति देने का इच्छुक नहीं है.


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