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मुंबई,  कोरोना का दम अब मुंबई में घुटने लगा है। मनपा की नीतिगत योजना के आगे झोपड़पट्टी क्षेत्रों में कोरोना की दूसरी लहर घुटने टेकने लग गई है। मनपा के दिशा-निर्देशों के हो रहे कड़ाई से पालन के चलते रोजाना नए कोरोना मरीजों के केस में कमी आई है। नतीजतन झोपड़पट्टी इलाकों से कोरोना लगभग साफ होने के कगार पर है। मुंबई के झोपड़पट्टी इलाकों में मात्र ५ कंटेंमेंट जोन बचे हैं और अब तक झोपड़पट्टी इलाकों के २,७८९ क्षेत्र को कंटेंमेंट जोन से मुक्त किया गया है।
मनपा आंकड़ों के इन झोपड़पट्टियों के ५ कंटेंमेंट जोन में मानखुर्द में दो, भांडुप में एक, मालाड में एक तथा लालबाग के पास एक कंटेंमेंट जोन बचा है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी के अनुसार इन पांचों कंटेंमेंट जोन में कुल लगभग ९ हजार झोपड़े हैं और लगभग ४४ हजार लोग रहते हैं।
झोपड़पट्टी क्षेत्रों की तुलना में अब भी बिल्डिंग क्षेत्रों में कोरोना के मरीज अधिक मिल रहे हैं। यही वजह भी है कि कोरोना के मरीजों के चलते इमारतीय रहिवासी इलाकों में अब भी ६१ कंटेंमेंट जोन है। भांडुप, कुर्ला और चेंबूर में अधिक इमारतें कंटेंमेंट जोन में हैं। बता दें कि झोपड़पट्टी इलाकों में रहिवासियों की इम्युनिटी पावर इमारती क्षेत्रों में रहनेवालों से अधिक है। यह बात स्वयं मनपा के अधिकारी कह चुके हैं, ऐसे में कोरोना को मात देने में झोपड़पट्टी के लोग आगे हैं। यहां भी मात्र ५ कंटेंमेंट जोन ही बचे हैं।


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