पोर्न फिल्मों का मामला गरम, रैकेट का पर्दाफाश
मुंबई, बॉलीवुड में इन दिनों पोर्न फिल्मों का मामला काफी गरम है। इस साल के शुरू में जब से पुलिस ने इस रैकेट का पर्दाफाश किया है तब से कई अभिनेत्रियों ने भी इससे जुड़ी कई खास बातें पुलिस को बताई हैं। मामले के जानकारों के अनुसार पोर्न फिल्मों को बनानेवाला गिरोह काफी शातिर है और वह स्ट्रगलर्स को टारगेट करता था। फिल्मों में काम पाने के लिए संघर्ष करनेवाले कलाकारों को स्ट्रगलर्स कहा जाता है। उन्हें पोर्न की बजाय हॉट व बोल्ड फिल्मों का हवाला दिया जाता था और बाद में कोल्ड ड्रिंक में नशीली दवा मिलाकर पिला दिया जाता था और तब फिल्में शूट की जाती थीं।
गौरतलब है कि संचारबंदी में सिनेमा घरों के बंद होने से पोर्न व इरोटिक फिल्मों की डिमांड बढ़ी है। चूंकि इन्हें ऐप के जरिए फोन पर ही आसानी से देखा जा सकता है इसलिए इसका बाजार बना हुआ है। पुलिस द्वारा हालिया व्हॉटसऐप चैट के खुलासे से भी इस बात का पता चलता है कि रोजाना इससे लाखों रुपए की कमाई होती है। पोर्न रैकेट की जांच करनेवाले पुलिस अधिकारियों के मुताबिक एक कलाकार को पोर्न शूट करने के लिए एक दिन के ३० से ५० हजार रुपए दिए जाते थे। मढ़ के बंगले पर इन फिल्मों की शूटिंग होती थी। ये बंगले २० से ३० हजार रुपए प्रतिदिन के किराए पर मिलते हैं, वहीं इन बंगला मालिकों का कहना है कि उनसे भोजपुरी और मराठी फिल्मों की शूटिंग करने के नाम पर बंगला किराए पर लिया जाता था। शूटिंग के दौरान बंगले के मालिक और अन्य कर्मचारियों को दूर रहने के लिए कहा जाता था। शूटिंग शुरू होने से पहले बंगले को चारों तरफ से नीले रंग के परदे से कवर कर लिया जाता था।
मुंबई पुलिस को दिए बयान में एक स्ट्रगलिंग मॉडल ने बताया कि फिल्मों में शामिल ज्यादातर लड़कियां मुंबई से बाहर की रहनेवाली होती थीं। चुनाव से पहले सभी का प्रोफाइल शूट किया जाता था और कई बार उनसे कैमरे के सामने कपड़े उतारने के लिए कहा जाता था। शुरू में कुछ दिनों तक नॉर्मल शूट किया जाता था और फिर बोल्ड सीन के लिए दबाव बनाया जाता था। मना करने पर कॉन्ट्रैक्ट की धमकी देते हुए जेल भेजने की बात कही जाती थी। कॉन्ट्रैक्ट में शूट बीच में छोड़ने पर शूटिंग का पूरा नुकसान भरने का क्लॉज था। एक मॉडल ने पुलिस को बताया कि उसके क्लॉज में शूटिंग के दौरान नियम नहीं मानने पर १० लाख रुपए देने का प्रावधान रखा गया था।