संजय राउत के खिलाफ आरोपों की जांच को मांगा और वक्त
मुंबई, शिवसेना नेता संजय राउत पर लगे आरोपों की जांच के लिए मुंबई पुलिस आयुक्त ने गुरुवार को बॉम्बे हाई कोर्ट से और वक्त की मांग की। एक 36 वर्षीय महिला ने राउत के आदेश पर कुछ लोगों द्वारा पीछा किए जाने और उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं। उसने ऐसे ही आरोप अलग रह रहे पति पर भी लगाए हैं। हाई कोर्ट ने 22 जून को पुलिस आयुक्त को मामले की जांचकर 24 जून तक रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए थे। याचिकाकर्ता ने एक अलग अर्जी दाखिल कर पीएचडी की कथित फर्जी डिग्री मामले में अपनी गिरफ्तारी को चुनौती दी है। वह फिलहाल न्यायिक हिरासत में है। सुनवाई के दौरान लोक अभियोजक दीपक ठाकरे ने अदालत से कहा, 'पुलिस आयुक्त ने रिपोर्ट और संबंधित दस्तावेज मंगवाए हैं। वह मामले की जांच कर विस्तृत रिपोर्ट सौंपेंगे।'
कोर्ट ने इस आग्रह को स्वीकार करते हुए एक जुलाई को रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए। साथ ही कहा कि इसके बाद और समय नहीं दिया जाएगा। याचिका में महिला ने कहा है कि उसने वर्ष 2013 से 2018 के बीच तीन शिकायतें दर्ज कराईं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसी साल मार्च में जब याचिका पर सुनवाई हो रही थी, तब राउत के वकील ने उसका विरोध करते हुए आरोपों का खंडन किया था। वकील ने कहा था कि याचिकाकर्ता राउत की पारिवारिक मित्र और बेटी की तरह है।
गौरतलब है कि महाराष्ट्र की सियासत में चल रहे घमासान को लेकर शिवसेना नेता संजय राउत का कहना है कि शिवसेना, कांग्रेस और राकांपा एकजुट हैं और पांच साल सरकार चलाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उनके मुताबिक, बाहरी लोग जो सरकार बनाना चाहते हैं और सत्ता खोने के बाद बेचैन हैं, कोशिश कर सकते हैं, लेकिन सरकार नहीं टूटेगी। कांग्रेस, राकांपा और शिवसेना के बीच दरार पैदा करने का प्रयास किया जा सकता है लेकिन यह कार्य सफल नहीं होगा। नाना पटोले कह चुके हैं कि कांग्रेस अकेले चुनाव लड़ेगी।