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मुंबई : कोरोना काल के कारण कई लोगों का रोजगार छिन गया। लोगों को गुजारे के लिए रुपए कमाना मुश्किल हो गया। इन विषम परिस्थितियों में लोगों में जल्द और कुछ भी करके पैसा कमाने की लालसा तेजी से बढ़ी है। लोगों की इसी लालसा का लाभ ड्रग्स तस्कर उठा रहे हैं। इसका प्रमाण कल मुंबई पुलिस क्राइम ब्रांच की यूनिट-१० द्वारा की गई कार्रवाई में देखने को मिला। यूनिट-१० के अधिकारियों ने एक ४२ वर्षीय शख्स को लगभग २८ लाख रुपए की चरस के साथ गिरफ्तार किया है। उक्त आरोपी पहले सब्जी बेचता था लेकिन १० हजार रुपए की लालच में वह मादक पदार्थों की डिलीवरी करने लगा।

बता दें कि यूनिट-१० के एपीआई वाहिद पठान मंगलवार की शाम सवा ७ बजे के करीब अपने सहयोगियों के साथ अंधेरी-पूर्व स्थित एमआईडीसी इलाके में गश्त कर रहे थे। उसी दौरान टीम में शामिल सिपाही प्रमोद कांबले की नजर पेपर बॉक्स रोड पर स्थित शामजी-दामजी कंपनी के पास सड़क पर खड़े शख्स पर पड़ी। कांबले ने वाहिद पठान का ध्यान लॉकडाउन के बावजूद हाथ में सफेद रंग का झोला लिए खड़े उक्त शख्स की ओर दिलाया। पठान ने इसकी सूचना यूनिट के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक किरण लोंढे को दी। डीसीपी अकबर पठान व पीआई लोंढे से मिले निर्देशों के अनुसार यूनिट-१० की टीम ने उस संदिग्ध को हिरासत में ले लिया। पूछताछ में वह पुलिस को गुमराह करने लगा। उसके झोले की तलाशी में करीब ९३० ग्राम चरस बरामद हुई, जिसकी कीमत २७ लाख ९० हजार रुपए आंकी गई है। पुलिस को संदिग्ध के पास से ७०० रुपए और एक विवो कंपनी का मोबाइल फोन भी मिला।

पकड़ा गया संदिग्ध ठाणे जिला के दिवा-पश्चिम क्षेत्र का निवासी है। वह वहां सब्जी बेचता था। उसी दौरान उसके पास आए एक शख्स ने सब्जी विक्रेता को पार्सल पहुंचाने के बदले १० हजार रुपए देने का लालच दिया था। बदले में सब्जी विक्रेता को पार्सल पहुंचाना था और पार्सल लेनेवाले से ड्रग्स के पैसे लाकर ड्रग्स आपूर्तिकर्ता को देना था। सब्जी विक्रेता उस दिन ड्रग्स का पार्सल पहुंचाने ही गया था लेकिन पार्सल लेनेवाला वहां नहीं आया, शायद उसने पुलिस को देख लिया था। ऐसा पुलिस का अनुमान है। फिलहाल यूनिट-१० की टीम पार्सल देने और लेनेवालों की तलाश में जुटी है।

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