Latest News

मुंबई : महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने बुधवार को कहा कि राज्य में मेडिकल ऑक्सीजन की आपूर्ति के लिए पड़ोसी राज्यों से संपर्क किया गया है लेकिन उन्होंने भी भारी मांग के कारण ऑक्सीजन देने से मना कर दिया है। टोपे ने यहां संवाददाताओं से कहा कि महाराष्ट्र को मेडिकल ऑक्सीजन की बर्बादी को रोकना होगा क्योंकि इस समय इसकी अत्यधिक मांग है। कोविड-19 के मरीजों और श्वास संबंधी अन्य रोगों के उपचार के लिए मेडिकल ग्रेड ऑक्सीजन का इस्तेमाल किया जाता है। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने मंगलवार को कहा था कि मेडिकल ऑक्सीजन की कमी है और कोरोना वायरस के मरीजों के लिए केंद्र को वायु सेना के विमानों द्वारा इसकी आपूर्ति करनी चाहिए। बुधवार को टोपे ने कहा, हमने छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और गुजरात जैसे पड़ोसी राज्यों से मेडिकल ऑक्सीजन की आपूर्ति के लिए संपर्क किया लेकिन उनके यहां बढ़ती हुई मांग के चलते उन राज्यों ने ऑक्सीजन देने से मना कर दिया। .

उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र को बर्बादी रोकनी होगी और जहां भी रिसाव हो उसे बंद करने के लिए काम करना होगा। सोमवार को टोपे ने कहा था कि महाराष्ट्र के प्लांट प्रतिदिन 1,200 मीट्रिक टन ऑक्सीजन उत्पन्न कर रहे हैं और कोविड-19 मामलों में वृद्धि के कारण पूरी खेप का चिकित्सा में इस्तेमाल किया जा रहा है। राज्य के खाद्य एवं औषधि प्रशासन मंत्री राजेंद्र शिंगने ने मंगलवार को कहा था कि प्रतिदिन 1500 से 1600 मीट्रिक टन तक मांग बढ़ सकती है। इससे पहले टोपे ने कहा था कि राज्य सरकार ने निर्णय लिया है कि अस्पताल में प्लांट लगाए जाएंगे जिससे वातावरण से ऑक्सीजन को अलग कर उसे मरीजों के लिए इस्तेमाल किया जा सकेगा।


Weather Forecast

Advertisement

Live Cricket Score

Stock Market | Sensex

Advertisement