महापौर कोई हिंदीभाषी बने - पूर्व गृह राज्य मंत्री कृपाशंकर सिंह
मुंबई : महाराष्ट्र के पूर्व गृह राज्य मंत्री कृपाशंकर सिंह एक बार फिर सक्रिय हो गए हैं। इस बार वे किसी पार्टी विशेष के बैनर तले नहीं बल्कि मुंबई और आसपास के इलाकों में रह रहे उत्तर भारतीय समाज की बदौलत राजनीतिक गोटी फिट करने में लगे हैं। सिंह चाहते हैं कि साल 2022 की शुरूआत में एशिया की वैभवशाली बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) चुनाव के बाद मुंबई का महापौर कोई हिंदीभाषी बने।
मुंबई और आसपास के इलाके में करीब 50 लाख उत्तर भारतीय रहते हैं। अपने इस समाज को एकजुट करने के लिए कृपाशंकर सिंह ने ‘परिश्रम’ यात्रा शुरू की है। उत्तर प्रदेश में जौनपुर जिले के मूलनिवासी सिंह ने ‘अमर उजाला’ से विशेष बातचीत में कहा कि हमारा प्रयास उत्तर भारतीय समाज को एकजुट करना है। इसके बाद बांद्रा-कुर्ला कांप्लेक्स स्थित एमएमआरडीए ग्राउंड में तीन लाख लोगों की बड़ी रैली कर राजनीतिक दलों को समाज की शक्ति की एहसास कराएंगे।
बता दें कि मुंबई कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष रहे कृपाशंकर सिंह ने जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 खत्म करने का विरोध करने पर सितंबर 2019 में ही कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था। तब से वह किसी दल विशेष के साथ राजनीति में सक्रिय नहीं हैं। हालांकि बीच में चर्चा थी कि वे जल्द ही भाजपा में शामिल हो सकते हैं। महाराष्ट्र के तत्कालीन मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी उस वक्त सिंह के भाजपा में जल्द शामिल होने का संकेत दिया था।
लेकिन, चुनाव के दौरान भी वे भाजपा में शामिल नही हुए। अब तक उनकी परिश्रम यात्रा मुंबई उपनगरों के अलावा मीरा-भाईंदर, वसई-विरार तक पहुंच चुकी है। अगले चरण में ठाणे, कल्याण और नवी मुंबई की यात्रा तय है।
कांग्रेस के पूर्व नेता कृपाशंकर सिंह को कोरोना काल में सक्रियता का पूरा लाभ मिल रहा है। लॉकडाउन के दौरान यूपी और बिहार के लोगों को उनके गांव भेजने के लिए कृपाशंकर सिंह ने काफी मेहनत की थी। सिंह ने रेल मंत्री पीयूष गोयल और राज्य के मंत्रियों से सामंजस्य बनाकर मुंबई के अलग-अलग स्टेशनों से विशेष ट्रेन की व्यवस्था कराई थी।
इस वजह से उनकी परिश्रम यात्रा को समाज के हर तबके का समर्थन मिल रहा है। खास बात यह है कि उनकी परिश्रम यात्रा में राजनीतिक मतभेद परे रखकर उत्तर भारतीय समाज के नेता राज्य के पूर्वमंत्री रमेश दुबे, पूर्व मंत्री चंद्रकांत त्रिपाठी, पूर्व विधायक राजहंस सिंह, एड. अखिलेश चौबे और अजय सिंह आदि भी उनके परिश्रम अभियान में सक्रिय हैं।