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भायंदर, भाजपा के पूर्व विधायक नरेंद्र मेहता की मुश्किलें दिनों-दिन बढ़ती जा रही है। मीरा-भायंदर में भाजपा पहले से ही दो गुटों में बंट चुकी है। हाल ही भाजपा के वरिष्ठ नगरसेवक मदन सिंह ने उपमहापौर पद के लिए ताल ठोक कर बगावत के सुर अलापने शुरू किए हैं, तो वहीं मीरारोड के विवादित सेवन इलेवन क्लब प्रकरण में मुंबई की आर्थिक अपराध शाखा ने मेहता व क्लब से संबंधित अन्य लोगों के खिलाफ भ्रष्टाचार प्रतिबंधक नियम के अलावा जालसाजी, मूल दस्तावेजों से छेड़छाड़ जैसे कई मामले दर्ज किए हैं।

मीरा रोड-पूर्व के कनकिया परिसर में बना सेवन इलेवन क्लब अपने निर्माण काल से ही विवादों में घिरा रहा है। ना विकास क्षेत्र (नो डेवलपमेंट जोन) में मैंग्रोज के पेड़ों को नष्ट कर दलदलीय क्षेत्र में इसके निर्माण किए जाने के आरोप लगते रहे हैं। इसके अलावा मैंग्रोज प्रभावित क्षेत्र से ५० मीटर बफर जोन व सीआरजेड नियमों का उल्लंघन कर क्लब के निर्माण किए जाने की शिकायत है। २०१० से पर्यावरण संरक्षण नियम व एमआरटीपी एक्ट के तहत कई मामले इस भूखंड पर दर्ज हैं। बिना पंजीकृत अधिकार पत्र के ही इस भूखंड पर क्लब निर्माण की अनुमति दी गई ।

किसी भी राष्ट्रीय या राज्य महामार्ग पर यह भूखण्ड स्थित नहीं होते हुए भी एक एफएसआई (अतिरिक्त चटाई क्षेत्र) प्रदान की गई। नियमबाह्य तलघर (बेसमेंट), तल मंजिल प्लस चार मंजिल क्लब निर्माण की अनुमति दी गई। जबकि राज्य के नगर रचना विभाग के संचालक ने दो बार इस भूखंड के प्रस्ताव को नामंजूर कर दिया था। इसी तरह से २२० के वी जैसे हाई वोल्टेज के बिजली तार व टावर के नीचे निर्माण कार्य नहीं करने का भी उल्लंघन कर क्लब निर्माण किया गया है। इतना ही नहीं मनपा में बहुमत के जोर पर एक अतिरिक्त चटाई क्ष्रेत्र प्राप्ति हेतु महासभा में प्रस्ताव भी पारित किया गया।


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