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नई दिल्ली/भोपाल : कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा है कि कांग्रेस के मुख्यमंत्रियों की सरकारी अधिकारी बात नहीं मानते। कौशिक बसु के साथ बातचीत में राहुल ने अपनी पार्टी के एक पूर्व मुख्यमंत्री के बारे में बताया कि उन्होंने ही यह जानकारी दी थी। राहुल का इशारा मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम कमलनाथ की ओर था।

राहुल के मुताबिक पूर्व मुख्यमंत्री ने उन्हें बताया था कि सीनियर अधिकारी उनकी नहीं सुनते। मुख्यमंत्री अधिकारियों को आदेश देते हैं, लेकिन वे उस पर अमल नहीं करते। उन्होंमे यह भी बताया कि चुनावों में बीजेपी को हराने और सरकार बना लेने से भी खास फर्क नहीं पड़ेगा क्योंकि आरएसएस के लोग अब सरकारी संस्थानों में पहुंचा दिए गए हैं। राहुल ने कहा कि उनकी पार्टी के इस मुख्यमंत्री को थोड़े दिनों बाद ही सत्ता से बाहर कर दिया गया।

कॉर्नेल यूनिवर्सिटी के कार्यक्रम में राहुल गांधी ने बीजेपी और आरएसएस पर जम कर हमला बोला। राहुल ने कहा कि देश की मौजूदा सरकार भारत की लोकतांत्रिक प्रणाली को नुकसान पहुंचा रही है। उन्होंने कहा कि भारत में हर संस्था की स्वतंत्रता पर हमला किया जा रहा है। आरएसएस हर जगह घुसपैठ कर रहा है।

राहुल ने 1975 में लगाई गई इमरजेंसी को इंदिरा गांधी की गलती बताते हुए कहा कि उस समय जो हुआ, वो मौजूदा माहौल से एकदम अलग था। कांग्रेस की सरकार ने कभी संस्थाओं पर कब्जा करने की कोशिश नहीं की, न ही दबाने की कोशिश की। मौजूदा सरकार में केवल एक ही संस्था को खुल कर काम करने की आजादी है, वो है आरएसएस।

राहुल ने एक वाकया याद करते हुए बताया कि मिस्त्र में जब होस्नी मुबारक 97 प्रतिशत वोटों के साथ जीते तो उन्हें बड़ा आश्चर्य हुआ। राहुल यह विश्वास नहीं कर पा रहे थे कि किसी को इतना समर्थन मिल सकता है। उन्हें इसकी सच्चाई का पता तब चला जब वे कुछ वर्षों बाद एक कॉन्फ्रेंस में भाग लेने मिस्त्र गए। वहां उनके बगल वाली कुर्सी पर एक जज बैठा था। उन्हें अटपटा लगा लेकिन यह समझ गए कि मिस्त्र में सभी संस्थाओं पर एक ही पार्टी और विचारधारा का कब्जा था। राहुल ने कहा कि भारत में भी आज यही हो रहा है।  


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