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सफलता हासिल करने के लिए बहुत सारी उम्र की जरूरत नहीं होती। बस काम का तजुर्बा, मेहनत और लगन कामयाबी के रास्ते पर लेकर जाती है। ऐसी ही कहानी है महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले की युवती श्रद्धा धवन की। जो मात्र 11 साल की उम्र से परिवार के डेयरी के बिजनेस में हाथ बंटाती थी। लेकिन मेहनत के बल पर आज मात्र 21 साल की उम्र में उसने पिता के डेयरी फार्म का नक्शा बदल दिया और उसे सफलतापूर्वक संचालित भी करती हैं। 

मुश्किल दिनों की चुनौतियों को स्वीकारते हुए मात्र 11 साल की उम्र में उसने डेयरी के बिजनेस में पिता का हाथ बंटाया। दूध बांटने से लेकर दूध दुहने तक जिम्मेदारी श्रद्धा के छोटे कंधों पर थी। लेकिन पढाई के साथ उन्होंने इसे निभाया।  दिव्यांग पिता की मदद करते हुए श्रद्धा ने काफी काम किया।

आज दो मंजिला शेड में करीब 80 भैंसे हैं। श्रद्धा का ये डेयरी फार्म जिले का सबसे बड़ा फार्म है जिसे एक महिला संचालित करती है। इस फार्म से करीब छह लाख रुपये महीना आ जाता है। फार्म की जिम्मेदारी मिलने के साथ ही बिजनेस बढने लगा था और फिर बाड़े में भैंसों की संख्या भी बढ़ती गई। 




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