Latest News

मुंबई : उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश पी बी सावंत के निधन पर सोमवार को कई नेताओं ने शोक प्रकट किया तथा राकांपा प्रमुख शरद पवार ने यह सुनिश्चित करने में उनके योगदान की भूरि-भूरि प्रशंसा की कि लोकतंत्र में अदालतें स्वायत्त रहें। न्यायमूर्ति सावंत का सुबह दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। वह 90 साल के थे। न्यायमूर्ति सावंत पुणे में 31 दिसंबर, 2017 में आयोजित एल्गार परिषद सम्मेलन के सह-संयोजकों में से एक थे। वह 2002 के गुजरात दंगे की जांच करने वाले एक पैनल का भी हिस्सा थे। वह भारतीय प्रेस परिषद के अध्यक्ष भी रहे। पूर्व केंद्रीय मंत्री पवार ने कहा कि न्यायमूर्ति सावंत पूरे जीवन में यह सुनिश्चित करने में लगे रहे कि उनकी मेधा से कैसे आम लोगों को मदद मिले। उन्होंने कहा कि उन्होंने संवैधानिक मूल्यों पर भी जोर दिया। उच्चतम न्यायालय के पूर्व प्रधान न्यायाधीश एवं राज्यसभा सदस्य रंजन गोगोई की ओर प्रत्यक्ष रूप से इशारा करते हुए पवार ने कहा, ' पी बी सावंत का महत्व तब अहम हो जाता है जब भारत के एक पूर्व प्रधान न्यायाधीश न्यायपालिका में सब गड्डमड्ड होने की बात करते हैं। केवल इंसाफ देने में ही नहीं बल्कि उन्होंने (सावंत ने) सामाजिक क्षेत्रों में भी खड़े अंतिम व्यक्ति के लिए प्रखरता से अपना विचार सामने रखा।' महाराष्ट्र के मंत्रियों-अनिल देशमुख और बालासाहब थोराट ने भी न्यायमूर्ति सावंत के निधन पर शोक प्रकट किया। राज्य के गृहंत्री देशमुख ने ट्वीट किया, ' मशहूर पूर्व न्यायाधीश पी बी सावंत के निधन की खबर पाकर दुख हुआ। दुख की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिवार एवं मित्रों के प्रति है। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दे।


Weather Forecast

Advertisement

Live Cricket Score

Stock Market | Sensex

Advertisement