मुंबई : देवनार में 2024 तक बनने लगेगी कचरे से बिजली!
मुंबई : देवनार डंपिंग ग्राउंड में कचरे से 2024 में बिजली उत्पादन की उम्मीद है। बीएमसी की इस बहुप्रतीक्षित योजना के तहत शुरू में 600 मीट्रिक टन कचरे से बिजली उत्पादन शुरू होगा। बीएमसी के एक अधिकारी ने बताया कि इस प्रोजेक्ट का काम पूरा करने के लिए ठेकेदार को 40 महीने का समय दिया गया है। इस हिसाब से यह योजना 2024 के मध्य में पूरी हो जाएगी। देवनार डंपिंग ग्राउंड पर ही बीएमसी ने कचरे से बिजली उत्पादन करने का दूसरा प्रोजेक्ट शुरू करने का फैसला किया है। इस प्रोजेक्ट के तहत 1200 मीट्रिक टन कचरे से बिजली उत्पादन की योजना है। इसके लिए बीएमसी ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर टेंडर जारी किया है। यशवंत जाधव ने कहा कि इससे मुंबई की कचरे की समस्या काफी हद तक हल करने में मदद मिलेगी। बीएमसी के एक अधिकारी ने बताया कि इस प्रोजेक्ट के तहत प्रतिदिन 6 मेगावॉट तक बिजली उत्पादन की उम्मीद है। भविष्य में प्रोजेक्ट को 1800 मीट्रिक टन कचरे से बिजली उत्पादन की योजना है। इससे प्रतिदिन करीब 10 मेगावॉट तक बिजली का उत्पादन किया जा सकेगा।
बता दें कि मुंबई में सामान्य दिनों में प्रतिदिन करीब सात हजार मीट्रिक टन कचरा इकट्ठा होता है। कोरोना संकट के कारण इसमें कमी आई है और यह साढ़े पांच से छह हजार मीट्रिक टन तक रह गया है। इसमें से प्रतिदिन करीब 600 मीट्रिक टन कचरा देवनार डंपिंग ग्राउंड में फेंका जाता है। मुंबई में जो कचरा पैदा होता है, उसमें से 90 प्रतिशत कचरा कांजुरमार्ग डंपिंग ग्राउंड व बाकी देवनार डंपिंग ग्राउंड में फेंका जाता है। देवनार से कचरे का भार हल्का करने के लिए कांजुरमार्ग में बायोरिऐक्टर पद्धति से कचरे को डिस्पोजल किया जाता है। इसके बावजूद बढ़ते कचरे के भार के कारण मुलुंड, भांडुप व विक्रोली तक कचरे की दुर्गंध फैल जाती है। बीएमसी प्रशासन को उम्मीद है कि कचरे से बिजली उत्पादन परियोजना शुरू होने से कई समस्याओं का समाधान निकल जाएगा।