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मुंबई : फर्जी टीआरपी केस में अरनब गोस्वामी की मुसीबत और बढ़ने वाली हैं। BARC के पूर्व सीईओ पार्थ दासगुप्ता ने रिपब्लिक टीवी के एडिटर इन चीफ अरनब गोस्वामी के साथ पिछले 3--4 साल में जो वॉट्सऐप चैट्स की थीं, दोनों ने इसे अपने मोबाइल से डिलीट कर दिया था। CIU ने कुछ चैट्स को फॉरेंसिक लैब की मदद से पहले ही पुन: हासिल कर लिया था। जिसे पिछले पखवाड़े सप्लीमेंट्री चार्जशीट में शामिल किया था। यह चैट्स पिछले एक सप्ताह से मीडिया में सुर्खियों में हैं।

अब CIU के हाथ इन दोनों द्वारा डिलीट की गई कुछ और चैट्स हाथ लगी हैं। इन्हे अगले कुछ दिनों में एक पूरक आरोपपत्र के साथ कोर्ट में पेश किया जाएगा। क्राइम ब्रांच सूत्रों का कहना है कि इन नई चैट्स में फर्जी टीआरपी केस को लेकर कुछ नई और चौंकाने वाली जानकारियां सामने आई हैं। यदि अरनब इस केस में अरेस्ट हुए, तो सूत्रों को कहना है कि मुंबई पुलिस उनसे जुड़ी चैट्स के साथ उनके ईमेल भी कोर्ट में बतौर सबूत पेश कर सकती है। इससे कई बड़ी राजनीतिक पार्टियों की नींद उड़ सकती है, क्योंकि इससे राजनीतिक पार्टियों के दिन में तय होने वाले एजेंडे एक्सपोज हो सकते हैं।

कथित टीआरपी घोटाला मामले में गिरफ्तार BARC के पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी पार्थ दासगुप्ता को सोमवार को हाई कोर्ट से राहत नहीं मिली। जे.जे. अस्पताल से छुट्टी दिए जाने के कुछ घंटे बाद जमानत याचिका दायर की गई थी। सुनवाई के दौरान मुंबई पुलिस ने हाई कोर्ट को बताया कि तलोजा जेल में बंद दासगुप्ता की हालत स्थिर है। न्यायमूर्ति ने सुनवाई के बाद अगली तारीख 2 फरवरी तय की है। साथ ही, सभी पक्षों के वकीलों से कहा कि तब तक वे आरोपपत्र की प्रति और निचली अदालत के आदेश की प्रति पीठ को सौंपें।

फर्जी टीआरपी केस में गिरफ्तार टीवी रेटिंग एजेंसी- बार्क के पूर्व सीईओ पार्थ दासगुप्ता ने स्टेटमेंट दिया है कि रिपब्लिक टीवी के एडिटर इन चीफ अरनब गोस्वामी ने उन्हें रिश्वत दी थी। इस कबूलनामे के आधार पर मुंबई पुलिस ने कोर्ट में सप्लीमेंट्री चार्जशीट दायर की थी। दासगुप्ता ने बताया है कि अरनब ने उन्हें अलग-अलग मौकों पर 40 लाख रुपये कैश दिए और विदेश यात्राओं के लिए भी पैसा दिया।


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