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मुंबई : विधानसभा के अध्यक्ष और वरिष्ठ कांग्रेसी नेता नाना पटोले (Nana Patole) ने भले ही अभी महाराष्ट्र अध्यक्ष पद की कुर्सी न संभाली हो लेकिन उन्होंने महाराष्ट्र कांग्रेस को लेकर अपनी सोच जाहिर कर दी है। उन्होंने कहा है कि राज्य में हम खुद के दम पर सत्ता मे वापस आने की पूरी कोशिश करेंगे। उनके इस बयान से महा विकास अघाड़ी सरकार में चल रहा गतिरोध एक बार फिर खुलकर सामने आ गया है।
औरंगाबाद शहर का नाम बदलकर संभाजी नगर रखने पर पहले ही शिवसेना और कांग्रेस के बीच में तनातनी चल रही है। दोनों दलों के नेता एक दूसरे के खिलाफ आरोप-प्रत्यारोप करने में बिजी हैं। ऐसे में मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष भाई जगताप ने भी आगामी बीएमसी इलेक्शन को खुद के दम पर लड़ने का बयान दिया था। महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए कई लोगों ने लॉबिंग की थी लेकिन अंततः यह पद मौजूदा विधानसभा अध्यक्ष नाना पटोले की झोली में जाता हुआ नजर आ रहा है। इसके बाद पटोले की जगह विधानसभा अध्यक्ष पद पर कब्जा जमाने के लिए दूसरी दौड़ शुरू हो चुकी है। इस रेस में पश्चिम महाराष्ट्र से लेकर मराठवाड़ा तक के उम्मीदवार लॉबिंग करने में जुटे हैं।
महाराष्ट्र कांग्रेस में कुछ नेताओं ने एक व्यक्ति एक पद की मांग के साथ राज्य में नए अध्यक्ष की मांग की थी। नए अध्यक्ष के लिए जल्द ही कांग्रेस आला कमान की तरफ से निर्णय लिया जाएगा। जिसके बाद मौजूदा विधानसभा अध्यक्ष नाना पटोले को यह पद छोड़ना पड़ेगा। इस संभावना को देखते हुए महाराष्ट्र के कई कांग्रेस नेताओं ने विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए अपनी अपनी फील्डिंग लगाना शुरू कर दिया है। मराठवाड़ा के विधायक सुरेश वरपुड़कर, विधायक संग्राम थोपटे, आदिवासी विकास मंत्री केसी पड़वी से लेकर पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण समेत कई नेता इस पद के लिए उत्सुक बताए जा रहे हैं।
राज्य में महाविकास अघाड़ी सरकार की स्थापना के बाद एक अनुभवी नेता के तौर पर पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण के नाम की चर्चा विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए हुई थी। हालांकि उस समय एनसीपी ने इस बात का विरोध किया था। जिसकी वजह से पृथ्वीराज चव्हाण को यह कुर्सी मिलते मिलते रह गई थी। अब भविष्य में नाना पटोले के प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद यह कुर्सी फिर से खाली खाली हो जाएगी। इसलिए एक बार फिर से विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए पृथ्वीराज चव्हाण का नाम दोबारा चर्चा में आया है।
सुरेश वरपुड़कर महाराष्ट्र में मराठवाड़ा के वरिष्ठ नेताओं में से एक माने जाते हैं। इस वजह से विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए उनके नाम की भी चर्चा जोर-शोर से शुरू है। इन दोनों के अलावा आदिवासी विकास मंत्री केसी पड़वी ने भी इस पद के लिए अपनी दावेदारी पेश कर लड़ाई को और भी दिलचस्प बना दिया है।

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