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मुंबई : बिजली बिल के बकाये में वृद्धि के लिए महाराष्ट्र में भाजपा के नेतृत्व वाली पिछली सरकार को दोषी ठहराते हुए राज्य के ऊर्जा मंत्री नितिन राउत ने शुक्रवार को कहा कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने सरकारी बिजली कंपनी की बकाया राशि को लेकर जांच के आदेश दिये हैं। राउत ने यहां पत्रकारों से कहा कि बिजली के लंबित बिल के मुद्दे को लेकर बृहस्पतिवार को राज्य कैबिनेट ने विचार-विमर्श किया था। उन्होंने राज्य की पूर्ववर्ती भाजपा सरकार को दोषी ठहराते हुए कहा, ‘‘मार्च 2014 के अंत तक, राज्य में बिजली का लंबित बकाया 14,154.5 करोड़ रुपये था, जो बढ़कर 59,149.8 करोड़ रुपये हो गया है।’’ भाजपा महाराष्ट्र में अक्टूबर 2014 से 2019 तक सत्ता में थी और ऊर्जा विभाग पार्टी के पास था। उन्होंने कहा, ‘‘महाराष्ट्र कैबिनेट की बैठक के दौरान लंबित बिजली बिलों के मुद्दे पर चर्चा की गई और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे जी ने इसकी जांच के आदेश दिए हैं। हम निश्चित रूप से इसकी जांच करेंगे।’’ राउत ने भाजपा के उन दावों का भी खंडन किया, जिनमें कहा गया था कि पिछली देवेन्द्र फडणवीस सरकार के दौरान ऊर्जा विभाग की कंपनियों ने अच्छा प्रदर्शन किया था। उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘उनकी निगरानी में कंपनियों का मुनाफा धीरे-धीरे कम होता गया।’’ बिजली बिलों में वृद्धि के मुद्दे पर भाजपा के विरोध प्रदर्शन के बारे में पूछे जाने पर राउत ने कहा कि अगर पार्टी केन्द्र के खिलाफ प्रदर्शन करती है तो वह खुश होंगे। राउत ने आरोप लगाया कि केंद्र ने जीएसटी में से महाराष्ट्र का 28,000 करोड़ रुपये का हिस्सा नहीं दिया है। राउत ने कहा कि ऊर्जा विभाग ने केंद्र से 10,000 करोड़ रुपये की सब्सिडी मांगी थी, लेकिन अब तक कोई जवाब नहीं मिला है। मंत्री ने हालांकि कहा कि बिजली बिलों में वृद्धि के मुद्दे पर प्रदर्शन कर रहे भाजपा नेताओं को उनके कार्यालय में आना चाहिए और वह बिलों की जांच करवाएंगे।


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