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संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने कहा कि आतंकवाद का प्रभाव पीड़ितों पर उम्र भर रह सकता है और अंतरराष्ट्रीय समुदाय उनके लिए सत्य, न्याय और सुधार सुनिश्चित कर, उनकी आवाज उठा और उनके मानवाधिकार को कायम रख उनकी मदद कर सकता है।

इंटरनेशनल डे ऑफ रिमेंबरिंग ऑफ एंड ट्रिब्यूट टू द विक्टिम्स ऑफ टेररिज़्म’ के लिए एक संदेश में गुतारेस ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र उन लोगों के साथ एकजुटता से खड़ा है, जो अब भी आतंकवादी अत्याचारों के मानसिक एंव शारीरिक घाव से जूझ रहे हैं। ‘इंटरनेशनल डे ऑफ रिमेंबरिंग ऑफ एंड ट्रिब्यूट टू द विक्टिम्स ऑफ टेररिज्म’ तीसरी बार इस शुक्रवार को मनाया जाएगा।

गुतारेस ने सोमवार को कहा, ‘‘ पीड़ितों पर आतंकवाद का प्रभाव जीवन भर रह सकता है और पीढ़ियों तक इसकी पीड़ा महसूस की जा सकती है। दर्दनाक यादों को मिटाया नहीं जा सकता, लेकिन हम पीड़ितों के लिए सत्य, न्याय और सुधार सुनिश्चित करते हुये, उनकी आवाज उठा कर और उनके मानवाधिकार को कायम रख उनकी मदद कर सकते हैं।” महासचिव ने कहा कि कोविड-19 के खिलाफ जारी संघर्ष के बीच पूरा विश्व इस दिवस को मनाएगा।

उन्होंने कहा, ‘‘ कोविड-19 संकट ने जीने के तरीके और लोगों से मेल-मिलाप के तरीके को बदल दिया है। पीड़ितों के लिए महत्वपूर्ण सेवाएं, जैसे कि आपराधिक न्याय प्रक्रिया और मनोसामाजिक समर्थन, बाधित, लंबित या समाप्त हो गए हैं। सरकारों का सारा ध्यान और संसाधन वैश्विक महामारी से निपटने पर केन्द्रित हैं।”

विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़ों अनुसार दुनियाभर में कोविड-19 के 2.15 करोड़ से अधिक मामले हैं और करीब 7,67,200 लोगों की इससे जान गई है। गुतारेस ने कहा कि वर्तमान प्रतिबंधों के कारण, आतंकवाद पीड़ितों के पहले ‘संयुक्त राष्ट्र ग्लोबल कांग्रेस’ को अगले साल तक के लिए स्थगित कर दिया गया है। 

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