Latest News

राजस्थान में जारी राजनीतिक संकट के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शनिवार को राज्यपाल कलराज मिश्रा से मुलाकात की। हालांकि, राजभवन की ओर से इसे शिष्टाचार भेंट बताया गया है, लेकिन राज्य में जिस तरह के हालात हैं उससे अटकलें लगना स्वभाविक ही है। नाम गोपनीय रखने की अपील करते हुए सरकार के एक अधिकारी ने बताया कि 45 मिनट तक चली बैठक में कोरोना वायरस संक्रमण को रोकने के लिए राज्य सरकार द्वारा उठाए जा रहे कदमों की जानकारी देने के साथ गहलोत विधानसभा का विशेष सत्र बुलाए जाने की संभावना पर चर्चा करने के लिए गए थे।   

अधिकारी ने बताया कि बैठक के दौरान गहलोत ने राज्यपाल को राज्य के मौजूदा राजनीतिक हालात के बारे में जानकारी दी। अधिकारी ने कहा कि इस बात की जानकारी नहीं है कि यदि सत्र बुलाया जाता है तो इसका एजेंडा क्या होगा। नियमों के मुताबिक, कैबिनेट के प्रस्ताव के आधार पर राज्यपाल सत्र आयोजित करने की मंजूरी देते हैं।

यह बैठक उस दिन हुई है जब भारतीय ट्राइबल पार्टी (बीटीपी) विधायकों ने कहा कि वे सचिन पायलट के साथ राजनीतिक जंग में अशोक गहलोत का साथ देंगे। पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट 18 अन्य विधायकों के साथ बागावत कर चुके हैं। पायलट गुट के पास तीन निर्दलीय विधायकों का भी समर्थन है। माना जा रहा है कि ये विधायक गुरुग्राम में कैंप कर रहे हैं।  

दूसरी तरफ गहलोत के पास 101 विधायकों का समर्थन है। इनमें से 86 कांग्रेस के हैं, 10 निर्दलीय और 5 अन्य दलों से हैं। 200 सीटों वाले सदन में बहुमत का आंकड़ा भी 101 है। गहलोत के समर्थक विधायक जयपुर के एक होटल में हैं।

यह मुलाकात ऐसे समय में भी हुई है जब राजस्थान हाई कोर्ट पायलट कैंप की याचिका पर सुनवाई कर रहा है। पायलट गुट की तरफ से कोर्ट में दाखिल याचिका में स्पीकर के नोटिस को चैलेंज किया गया है, जो उन्हें अयोग्य ठहराने के लिए दिया गया है। पायलट और 18 बागी कांग्रेस विधायकों को शुक्रवार को चार दिन के लिए राहत मिल गई। हाई कोर्ट ने मंगलवार तक कोई कार्रवाई नहीं करने का आदेश दिया था।



Weather Forecast

Advertisement

Live Cricket Score

Stock Market | Sensex

Advertisement