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मुंबई : कोरोना वायरस से लड़ाई के लिए एक बेहतर टीम की जरूरत है और उससे भी बेहतर एक लीडर की। हर अस्पताल एक लीडर के नेतृत्व में मरीजों की बेहतरी के लिए काम कर रहा है। ऐसे ही एक लीडर हैं सायन हॉस्पिटल के डीन डॉ. रमेश भारमल, जो न केवल अपनी टीम का लगातार आत्मविश्वस बढ़ा रहे हैं, बल्कि खुद भी अस्पताल में हमेशा डटे हैं। 60 की उम्र पार कर चुके डॉ. भारमल डायबीटीज और हाइपरटेंशन की शिकायत से भी परेशान हैं, लेकिन इस महामारी में वह अपनी जिम्मेदारियों से जरा भी पीछे नहीं हट रहे हैं। फिलहाल, मरीजों का बोझ बढ़ने के कारण अस्पताल में अतिरिक्त लोगों की जरूरत है, लेकिन डॉक्टरों की कमी के किसी भी अस्पताल में अतिरिक्त श्रम नहीं है। ऐसी स्थिति से निबटने के लिए काम पर तैनात डॉक्टरों का उत्साह बढ़ाने से लेकर किसी भी आपात स्थिति के समय उन्हें मदद के लिए भी डॉ. भारमल हमेशा तैयार हैं।

डॉ. भारमल ने बताया कि कुछ दिन पहले तक उन्हें कम से कम रविवार को छुट्टी मिल जाती थी, लेकिन मामले बढ़ने पर अब कोई भी छुट्टी नहीं मिलती। कई बार हम खुद से भी छुट्टी नहीं लेते। फिलहाल, मिलकर कोरोना को हराना है। इसके लिए जरूरत है मिलकर काम करने की। हम इसी सोच से लगे हैं और हमें उम्मीद है कि हम इस बीमारी को जरूर हरा देंगे। डॉ. भारमल ने आगे बताया कि सायन अस्पताल की डबल चुनौती है, यहां कोरोना के साथ बिना कोरोना वाले मरीजों का भी इलाज चल रहा है। ऐसे में हमे दो मोर्चों पर एक साथ काम करना होता है। अच्छी बात यह है कि वॉर्ड स्तर पर वॉर रूम तैयार किए जाने से मरीजों को अस्पताल में भर्ती कराने और उन्हें बेड दिलाने में काफी सहूलियत आई है। वहीं, अब मरीजों के ठीक होने के आंकड़ों में भी काफी बढ़ोतरी हुई है। इससे डॉक्टरों सहित पूरे अस्पताल प्रशासन का आत्मविश्वास बढ़ रहा है।


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