मुंबई : भक्तों को मंदिरों के खुलने का इंतजार
मुंबई : वैश्विक महामारी कोरोना वायरस की वजह से संपूर्ण महाराष्ट्र में 70 दिनों से जारी लॉकडाउन को अब कहीं कहीं अनलॉक किया जाने लगा है. जोन के हिसाब से बाजारों को अनलॉक किया गया है, जबकि वहां ग्राहकों का अभी भी इंतजार है. इस अनलॉक का असर लगभग प्रत्येक क्षेत्र में देखने को मिल रहा है. केंद्र और राज्य सरकार द्वारा लॉकडाउन की घोषणा से एक हप्ते पूर्व ही 16 मार्च से प्रदेश के सभी मंदिरों को सुरक्षा की दृष्टि से बंद कर दिया गया था. ढाई महीने की इस बंदी से श्रद्धालुओं के साथ मंदिरों में भी सूनापन आ गया है. अब केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों को यह अधिकार दिया है कि वे परिस्थितियों के अनुसार धार्मिक स्थलों पर पूजा की अनुमति दे सकते हैं.
केंद्र सरकार की इस अनुशंसा से भक्तों की आस्था को आशा की किरण नजर आ रही है. उन्हें मंदिरों के खुलने का इंतजार है. जबकि मंदिर प्रबंधन सरकारी आदेश की प्रतीक्षा कर रहे हैं. चूंकि मुंबई में कोरोना का व्यापक विस्तार हो रहा है इसलिए सरकार भी वस्तुस्थिति पर नजर बनाए हुए है. यही हाल मुंबई के गुरुद्वारों का भी है. लॉकडाउन में कम्युनिटी किचन चलाकर लाखों जरूरतमंदों की भूख मिटाने वाले गुरुद्वारे सार्वजनिक रूप से अरदास के लिए खुलना चाहते हैं, लेकिन सरकारी आदेश के इंतजार में बंद पड़े हैं. सिर्फ ग्रंथी नियमित पाठ और अरदास कर रहे हैं. इसी तरह से मंदिरों में भी सिर्फ पुजारी नियमित पूजा आरती कर भोग अर्पित कर रहे हैं. भक्तों से मिलने वाली दक्षिणा से संचालित होने वाले मंदिरों की आमदनी भी लॉक डाउन के कारण लॉक है.
लॉकडाउन से एक हप्ते पहले ही भक्तों के लिए बंद कर दिए गए शिर्डी के साईबाबा मंदिर को भी सरकारी आदेश का इंतजार है. शिर्डी के साईबाबा मंदिर में भक्तों का प्रवेश तो बंद है, लेकिन साईं भक्तों की श्रद्धा कम नहीं हुई. मंदिर में दर्शन बंद होने पर भी श्रद्धालु ऑनलाइन दर्शन कर दान दक्षिणा दे रहे हैं. जैसे ही सरकार का आदेश आएगा भक्तों के लिए खोल दिया जाएगा.
दादर पश्चिम के प्रभादेवी स्थित सैकड़ों वर्ष पुराना गणपति मंदिर भी कोरोना के चलते पिछले ढाई महीने से बंद है. यहां भी श्रद्धालुओं को ऑनलाइन दर्शन मिल रहा है. प्रतिदिन कई हजार की संख्या में आने वाले भक्तों की संख्या मंगलवार को हजारों में होती थी, जबकि अंगारकी चतुर्थी पर यह संख्या कई लाख तक होती थी. जिस दिन शासनादेश आएगा मंदिर में दर्शन शुरू हो जाएगा.
– आदेश बांदेकर, चेअरमैन सिद्धिविनायक मंदिर दादर
मुंबई की कुलदेवी के रूप में विराजित मां मुंबादेवी मंदिर भी कोरोना के चलते ढाई महीने से बंद है. लॉक डाउन के चलते भक्तों का प्रवेश बंद है, जबकि आम दिनों में बड़ी संख्या में श्रद्धालु मंदिर आते थे. प्रबंधन को भी सरकारी आदेश का इंतजार है. जैसे ही सरकार सिग्नल देगी अगले दिन से मंदिर भक्तों के लिए खोल दिया जाएगा. – हेमंत जाधव, प्रबंधक मुंबादेवी मंदिर
आर्थिक राजधानी की कोषाध्यक्ष के रूप में पूजित महालक्ष्मी माता का मंदिर भी लॉकडाउन से प्रभावित है. यहां भी ढाई महीने से भक्तों का प्रवेश बंद है. सिर्फ पुजारी नियमित पूजा आरती के साथ भोग अर्पित कर रहे हैं. – शरदचंद्र पाध्ये, मुख्य प्रबंधक महालक्ष्मी मंदिर
दक्षिण मुंबई के गिरगांव चौपाटी के पास स्थित लगभग 400 साल प्राचीन बाबुलनाथ मंदिर भी लॉकडाउन के चलते पिछले ढाई महीने से पूर्णतः बंद है. मंदिर ट्रस्ट के पुजारी ही नियमित पूजा अभिषेक कर रहे हैं. जैसे ही सरकार आदेश जारी करेगी मंदिर भक्तों के लिए खोल दिया जाएगा.
लॉकडाउन में ढाई महीने से बंद होने के बावजूद कम्युनिटी किचन चलाकर लोगों की सेवा करने वाला दादर स्थित श्री सिंघ सभा गुरुद्वारा सरकारी आदेश का इंतजार कर रहा है. इसके साथ ही इस गुरुद्वारे के साथ जुड़े अन्य गुरुद्वारे भी खुल जाएंगे. – मनमोहन सिंह रत्ती, दादर गुरुद्वारा
सिख समाज गुरु नानकदेव के बताए मार्ग पर चल रहा है. हमने कोरोना के चलते देशहित में अपने गुरुद्वारों को स्वतः संज्ञान लेते हुए बंद कर दिया था. अब जब बाजार अनलॉक हो रहा है तो मंदिरों और गुरुद्वारों को भी अनलॉक होने का इंतजार है. जैसे ही सरकार फैसला करेगी हम गुरुद्वारों को आम लोगों के लिए खोल देगी. – जसबीर सिंह धाम, चूनाभट्टी गुरुद्वारा