मुंबई : अस्पतालों में ICU, वेंटिलेटर बेड फुल, दर-दर भटक रहे मरीज
मुंबई : मुंबई में बढ़ते कोरोना कहर के बीच अनलॉक-1 भी शुरु हो गया है, लेकिन यह नये मरीजों के लिए मुश्किल पैदा करने वाला हो सकता है. मुंबई के अस्पतालों में आइसीयू बेड 98 प्रतिशत फुल हो चुके हैं, जबकि सामान्य बेड 94 फीसदी तक भर चुके हैं. अभी से अस्पतालों में बेड उपलब्ध नहीं होने के कारण मरीजों को दर-दर भटकना पड़ रहा है.
मुंबई में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या 46,080 हजार हो गई है. इनमें से 18778 मरीज ठीक हो चुके हैं और 1519 मरीजों की मौत हो चुकी है. एक्टिव मरीजों की संख्या 25768 है. आज भी कोरोना के 1,149 नये मरीज मिले हैं और 54 मरीजों की मौत हुई. मुंबई के अस्पतालों में 9092 बेड की व्यवस्था है जिसमें से 94 फीसदी यानी 8570 बेड मरीजों से भर चुके हैं. मुंबई आइसीयू के 1097 बेड हैं जिसमें से 98 फीसदी भर चुके हैं. मुंबई में प्रतिदिन कोरोना के एक हजार से ज्यादा संक्रमित मरीज मिल रहे हैं. इनमें से कुछ की हालत बेहद गंभीर रहती है जिनके लिए वेंटीलेटर और आइसीयू की जरूरत पड़ती है. बेड उपलब्ध नहीं होने से मरीज दम तोड़ रहे हैं. कोरोना मरीजों को रखने के लिए कोविड केयर सेंटर (सीसीसी-2) अस्पताल बनाए गए हैं जिसमें कुल 7107 बेड हैं. कोविड केयर सेंटर के भी 61 फीसदी बेड फुल हो चुके हैं. बीएमसी सूत्रों के अनुसार मुंबई में कोरोना के कुल मरीजों में से 85 फीसदी मरीज वेंटिलेटर पर हैं. जबकि आँक्सीजन वाले बेड भी 74 फीसदी भर चुके हैं.
मुंबई में नये मरीजों को अस्पताल में रखने की समस्या पैदा हो गई है. नायर अस्पताल के एक डॉक्टर के अनुसार अस्पताल में भर्ती कोरोना के कई मरीजों की 3 रिपोर्ट कोरोना निगेटिव आ चुकी है फिर भी उन्हें ऑक्सीजन की जरुरत पड़ रही है. कोरोना ने फेफड़े को काफी नुकसान पहुंचाया है. मरीज के शरीर में ऑक्सीजन लेवल 95- 97 तक बनाये रखना जरूरी है. ऑक्सीजन निकलने के बाद मरीज के शरीर में ऑक्सीजन लेवल तेजी से नीचे आने लगता है इससे मरीज को सांस लेने में परेशानी होती है. सिर्फ नायर ही नहीं लगभग सभी अस्पताल का यही हाल है. जिन मरीजों के फेफड़े को ज्यादा नुकसान पहुंचा है उनका फेफड़ा सही होने में महीने भर का समय लग सकता है. ऐसे हालत में उन्हें डिस्चार्ज भी नहीं दिया जा सकता.
महापौर किशोरी पेडणेकर ने शनिवार को बोरीवली स्थित भगवती अस्पताल का दौरा किया . बोरीवली और दहिसर के बीच रहने वाले नागरिकों के लिए यह एकमात्र अस्पताल है. इस क्षेत्र में भी कोरोना मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. महापौर के साथ अस्पताल गए उस विभाग के सभी नगरसेवकों ने कोरोना मरीजों के लिए ज्यादा बेड और साथ में अतिरिक्त ऑक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध कराने की मांग की. महापौर ने कहा कि संबंधित विभाग से रविवार को इस पर चर्चा करके समस्या का निवारण किया जाएगा. महापौर ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि रंगनाथ केसकर मार्ग पर शास्त्री नगर स्वास्थ्य केंद्र और एल. टी.दवाखाना की संयुक्त इमारत वाली जगह पर संदिग्ध कोरोना मरीजों के लिए पृथक्करण कक्ष शुरू करें. दहीसर चेक नाका की रिक्त जमीन पर मुंबई-मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन की तरफ़ से 950 बेड का अस्थाई कोरोना अस्पताल बनाया जा रहा है. जिसमें 618 बेड ऑक्सीजन वाले होंगे. 15 जून तक अस्पताल का काम पूरा हो जाएगा.