कल्याण : कम नहीं हो रही प्रवासी मजदूरों की मुसीबतें
कल्याण : प्रवासी मजदूरों की परेशानी कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. लॉक डाउन के कारण पहले ही दिक्कत का सामना करने पर विवश प्रवासी मजदूर अपने गांव जाने के लिए भी परेशानी उठाने पर मजबूर हैं. मंगलवार की दोपहर उन्हें स्थानीय पुलिस द्वारा सूचना मिली कि आज कल्याण से जौनपुर के लिए श्रमिक ट्रेन है, सूचना मिलते ही विठ्ठलवाड़ी एसटी बस डिपो के पास लगभग 300 से भी अधिक प्रवासी अपने परिवार, मासूम बच्चों के साथ चिलचिलाती धूप में यह सोचकर खड़े हो गए कि चलो अब उन्हें अपने गांव जाने को मिलेगा.
देर रात तक वह ट्रेन के इंतजार में बैठे रहे आखिरकार रात 11 बजे के दरम्यान उन सभी लोगों को मालूम पड़ा कि आज की ट्रेन कैंसिल हो गयी. घंटों लाइन में खडे़ होकर इंतजार करने वाले सैकड़ों मजदूरों का गुस्सा सातवें आसमान पर था, वहां मौजूद अधिकारियों पर रोष व्यक्त करते हुए लाचार मजदूर अपने-अपने घरों की ओर रवाना हो गए. मजदूरों की सहयोग में जुटे रहे ‘राष्ट्र कल्याण पार्टी’ के अध्यक्ष शैलेश तिवारी ने बताया कि सभी कागजी कार्यवाही पूरी कर गांव जाने के इंतजार में घंटों खड़े सैकड़ों मजदूरों को वापस अपने अपने घर जाना पड़ रहा है यह काफी निंदनीय है, प्रशासन की लापरवाही का खामियाजा श्रमिक मजदूरों को झेलना पड़ रहा है. हलांकि मंगलवार को जीतने मजदूर घंटों इंतजार कर घर वापस हो गए थे. उन मजदूरों को बुधवार को कल्याण से उत्तर प्रदेश के लिए जा रही ट्रेन में शैलेश तिवारी राहुल काटकर, हर्षल साल्वे आदि के सहयोग से कल्याण स्टेशन पहुंचाया गया, जिसके बाद सभी लोग ट्रेन में सवार होकर अपने राज्य गांव जा सके.