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नवी मुंबई : लॉकडाउन 4 की घोषणा के साथ ही प्रधानमंत्री मोदी ने लघु एवं मध्यम उद्यमों के लिए 3 लाख करोड़ के राहत पैकेज का एलान किया है. गुरुवार को वित्तमंत्री निर्मला सीतारमन ने इसे इंडस्ट्री को बुस्टर देने वाला पैकेज बताया और इसकी खूबियां गिनाई. हालांकि टीटीसी एमआईडीसी इंडस्ट्रीज एसोसिएशन ने पीएम के इस राहत पैकेज को लेकर कई सवाल उठाए हैं.

उपाध्यक्ष प्रकाश पडिक्कल ने कहा कि लॉकडाउन से उबारने मोदी सरकार का यह 3 लाख करोड़ का पैकेज बैंक लोन की तरह है जिससे इंडस्ट्री खासकर एमएसएमई को कुछ भी लाभ नहीं होने वाला है. आज उद्योग बंद पड़े हैं. उनके पास कामगारों की सेलरी के पैसे नहीं हैं. सरकार को सेलरी के कुछ फंड देना चाहिए था. इसके साथ ही टैक्स रिबेट देना चाहिए था और औद्योगिक क्षेत्र में कामगारों की सुरक्षा के लिए कोविड हॉस्पिटल स्थापित करना चाहिए था. तभी एसएमई का फायदा हो सकता है. एसोसिएशन के वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा कि इतना कुछ होने के बाद भी अगर कामगार नहीं बचेंगे तो इंडस्ट्री कैसे चलेगी. आज 80 फीसदी प्रवासी मजदूर पलायन कर चुके हैं. वे पैदल और ट्रक ट्रेनों से मुलुक भाग रहे हैं, फिर बिना श्रमिकों के फैक्टरी कौन चलाएगा.


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