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मुंबई : पिछले कई दिनों से परेशानी झेल रहे बिहार से आए कुमार परिवार को आखिरकार राहत मिली.कैंसर से ग्रसित कोरोना पॉजिटिव पेशेंट के क्लोज कांटेक्ट में रहे दो लोगों को आखिरकार कस्तूरबा अस्पताल में भर्ती किया गया है. दोनों संदिग्ध पिछले 10 दिनों से रोड पर ही रह रहे थे. बिहार से 52 वर्षीय कैंसर ग्रसित व्यक्ति इलाज के लिए अपनी पत्नी और दो भाइयों के साथ टाटा अस्पताल आए थे.20 अप्रैल को सर्जरी के बाद मरीज में कोरोना के लक्षण दिखे और जांच में पुष्टि भी हुई. मरीज को टाटा में ही रखा गया, लेकिन उनके क्लोज कांटेक्ट में रहे पत्नी और भाई को बिना जांच के छोड़ दिया गया. जिस धर्मशाला में वे रुके थे वहां भी उन्हें प्रवेश नहीं मिला. जिसके बाद दो संदिग्ध अस्पताल के सामने सड़क पर ही थे और एक भाई को टाटा अस्पताल में मरीज के साथ रखा गया. तीनों की तबियत खराब हो गई और उन्हें भी कोरोना के लक्षण दिखने लगे.एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल दौड़ने के बाद भी उनकी जांच नहीं की गई.नवभारत ने सोमवार को यह खबर प्रकाशित की और बीएमसी के आला अधिकारियों को उक्त घटना से अवगत करवाया.बीएमसी के अतिरिक्त आयुक्त सुरेश काकानी ने तुरंत वार्ड ऑफिसर को संदिग्धों को भर्ती करने का आदेश दिया। संदिग्ध मरीज ने कहा ‘ मुझे और मेरी भाभी को कस्तूरबा अस्पताल में भर्ती किया गया है. हमारी स्वेब टेस्टिंग भी की गई है और हम पॉजिटिव हैं. टाटा अस्पताल में कैंसर और कोरोना से ग्रसित भाई को बीएमसी ने नायर अस्पताल में शिफ्ट कर दिया है, लेकिन उनके साथ अस्पताल में रुके एक भाई को दवाई दे कर छोड़ दिया गया. वह अब भी सड़क पर है.


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