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मुंबई : 6,000 करोड़ रुपए के घोटाले में फंसे पीएमसी बैंक के संकट के समाधान में अब तक विफल भारतीय रिजर्व बैंक ने अब सहकारी बैंकिंग ग्राहकों को एक और झटका दिया है. आरबीआई ने मुंबई के सीकेपी सहकारी बैंक का लाइसेंस रद्द कर कोरोना महामारी की मार झेल रहे ग्राहकों का संकट और बढ़ा दिया है. सीकेपी का लाइसेंस रद्द होने से बैंक के करीब 11,500 जमाकर्ताओं, 44 हजार अंशधारकों और 1.25 लाख खाताधारकों पर संकट खड़ा हो गया है और बैंक की 485 करोड़ रुपए की सावधि जमा राशि भी अधर में अटक गई है.

दरअसल घाटा बढ़ने और नेटवर्थ में भारी गिरावट आने के कारण सीकेपी बैंक के परिचालन पर 5 मई 2014 से ही आरबीआई ने प्रतिबंध लगा रखा है. तब से बैंक के जमाकर्ता अपनी पूंजी निकालने के लिए तरस रहे थे. विगत 6 वर्षों में कई बार प्रतिबंध बढ़ाते हुए बैंक का घाटा कम करने की कोशिश भी की गई, लेकिन सारे प्रयास विफल रहे और अंतत: आरबीआई ने लाइसेंस कैंसिल कर अब इसे बंद ही कर दिया है. अब प्रत्येक जमाकर्ता को अधिकतम केवल एक लाख रुपए तक की ही जमा पूंजी मिल पाएगी, भले ही उसके खाते में ज्यादा ही पूंजी रही हो. क्योंकि प्रतिबंध के समय 2014 में बैंक जमा गारंटी सीमा यानी इंश्योरेंस एक लाख रुपए तक ही थी. बैंक गारंटी को सरकार ने इस साल फरवरी में बढ़ाकर 5 लाख रुपए किया है.


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