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मुंब्रा : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 3 मई तक लॉकडाउन की घोषणा करने के तुरंत बाद ही मुंब्रा में सैकड़ों लोग सड़कों पर उतर आए. लॉक डाउन बढ़ने पर मंगलवार की दोपहर रशीद कम्पाउंड, देवरीपाड़ा, श्रीलंका, आदि इलाकों में रहने वाले सैकड़ों परप्रांतीय मजदूर सड़क पर उतरकर अपने मूल गांव उत्तर प्रदेश, बिहार जाने की मांग करने लगे. इनका कहना है कि हमारे पास न पैसा है और न राशन का सामान है.

बताया जा रहा है कि मुंब्रा के रसीद कंपाउंड स्थित श्रीलंका परिसर के लोगों को पिछले चार दिनों से खाना नही मिला है. उनके पास न तो पैसा है और न ही राशन है. जिससे परेशान होकर सैकड़ों लोग लॉक डाउन का उल्लंघन कर सड़कों पर प्रदर्शन किया. हसमत चौक पर मजदूरों के जमा होने की जानकारी मिलते ही मुंब्रा पुलिस व एसआरपीएफ की टीम ने पहुंच कर इनको समझाने का प्रयास किया. लेकिन इसके बाद भी जब यह जमावबंदी से बाज नहीं आये तो कड़ाई बरतकर रास्ते से हटाना पड़ा.  

उल्लेखनीय है कि प्रशासन द्वारा मुंब्रा परिसर को रेड जोन घोषित किया गया है क्योंकि यहां एक दर्जन से अधिक कोरोना पाजिटिव मरीज पाए गए हैं. स्थानीय विधायक जितेन्द्र आव्हाड के कई सहायकों में कोरोना के लक्षण पाए गए हैं, जिससे उन्होंने खुद को घर पर क्वारंटाइन कर लिया है.

ठीक इसी तरह की हालत दिवा के जीवदानी नगर समेत कई परिसरों  की है. जहां सैकड़ों  की संख्या में मजदूर वर्ग से जुड़े लोग रहते हैं.  उन्हें भी अब तक स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ताओं द्वारा बना बनाया खाना मिल रहा था,  लेकिन पिछले दो दिनों से बंद है. इनके सामने भी भुखमरी की हालत पैदा हो गई है.




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