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नागपुर : पुलिसकर्मी के बेटे को अपराधी से दोस्ती रखनी महंगी पड़ गई. दोस्त से न मिलने देने पर अपराधी ने गुस्से में दोस्त की मां का मर्डर कर दिया. शनिवार की सुबह करीब 10.30 बजे आरोपी नवीन सुरेश गोटेफोडे ने नंदनवन थाना अंतर्गत रमना मारुति मंदिर के पास गाडगेबाबा नगर निवासी अशोक मुले की पत्नी सुशीला मुले की गला रेत कर हत्या कर दी. जानकारी के अनुसार मृतक महिला किचन में खाना बना रही थी. तभी आरोपी गेट खोलकर घर के अंदर आया और पीछे से महिला के गले पर धारदार चाकू से वार कर दिया. मां की चीख सुनते ही बेटा नवीन बाहर आया और मां को बचाने की कोशिश करने लगा. इस बीच दोनों के बीच हाथापायी भी हुई. आरोपी ने उसे भी मारने का प्रयास किया, लेकिन हाथ पर घाव मारकर आरोपी घटनास्थल से फरार हो गया. खून से लथपथ महिला को उपचार के लिए अस्पताल ले जाया गया लेकिन डाक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया. फरार आरोपी देशपांडे लेआउट का रहने वाला है. पुलिस आरोपी की तलाश कर रही है.

आरोपी पर हत्या समेत चोरीचकारी करने के आरोप हैं. कोर्ट के आदेश के बाद कोरोना के कहर से कैदियों को सुरक्षित रखने के लिए आरोपी को बेल पर छोड़ा गया था. आरोपी और मृतक का बेटा बचपन के दोस्त हैं. दोनों का नाम भी नवीन है. कक्षा 5वीं से 10वीं तक एक साथ पढ़ाई करने के बाद दोनों के रास्ते अलग हो गए. इस बीच कभीकभार ही वे दोनों बाहर मिला करते थे. मृतक महिला का बेटा डिजिटल मार्केटिंग का काम करता है. माता-पिता ने अपने बेटे को आरोपी से किसी भी प्रकार के कोई भी संबंध रखने से मना कर दिया था. बेल पर बाहर आने के बाद हत्या के एक दिन पहले यानी शुक्रवार को सुबह अपने दोस्त नवीन से मिलने आया लेकिन उसकी मां कहा कि नवीन अभी सोया है उसे सोने दे और आइंदा उससे मिलने की कोशिश न करें. इस बात पर आरोपी आगबबूला हो गया और बाद में देख लेंगे, बोल कर चले गया और दूसरे दिन सुबह पति के जाते ही आरोपी ने घटना को अंजाम दिया.

पुलिसकर्मी अशोक मुले क्राइम ब्रांच में हेडकांस्टेबल पद पर तैनात हैं. शनिवार को वह रामायण देखकर ठीक 10.15 बजे ड्यूटी के लिए घर से निकले थे. उनके घर से निकलते ही आरोपी घर में घुसा. इससे साफ होता है कि आरोपी आसपास ही कहीं छुप कर बैठा था और पुलिसकर्मी अशोक के घर से निकलने की राह देख रहा था. उनके कार्यालय पहुंचने के पहले ही उन्हें पड़ोसी ने फोन कर घटना की जानकारी दी. अशोक ने बताया कि 30 जून को रिटायर होने वाले थे. सोचा था कि रिटायरमेंट के बाद वह अपनी पत्नी और बेटे के साथ समय बितायेंगे, लेकिन बिना किसी कारण के आरोपी ने पत्नी की हत्या कर उनकी जिन्दगी बर्बाद कर दी. उल्लेखनीय है कि वर्ष 2008 में आरोपी की मां ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी. उसी के घर में रहने वाला अण्णा नामक व्यक्ति के कारण उसकी मां ने आत्महत्या की है. इसलिए आरोपी ने वर्ष 2017 में उसकी हत्या कर दी थी. इसके बाद वह सेन्ट्रल जेल में ढाई साल की सजा काट चुका है. जमानत पर छूटने के बाद मोटरसाइकिल चोरी के आरोप में दुबारा उसे जेल भेजा गया, लेकिन कोरोना वायरस संक्रमण को देखते हुए 137 कैदियों के साथ उसे भी पेरोल पर रिहा किया गया. 5 दिन पहले ही उसे बेल पर रिहा किया गया था.

14 अप्रैल तक लाकडाउन के चलते पुलिस प्रशासन पर पहले ही बंदोबस्त का तनाव है. परिस्थिति को गंभीरता से लेते हुए मुख्य चौराहों से लेकर बस्तियों की गलियों में भी पेट्रोलिंग की जा रही है. बेवजह बाहर घूम रहे लोगों को घर में रहने के लिए सूचित किया जा रहा है. इस बीच कैदियों को रिहा करने पर पुलिस कर्मचारियों की हालत और गंभीर होते जा रही है. अपराधी परिसरों में पिस्तौल लेकर घूम रहे हैं. अवैध गतिविधियों को अंजाम दे रहे हैं. इसी बीच एक अपराधी ने तो पुलिसकर्मी की पत्नी की हत्या कर ड्यूटी कर रहे कर्मियों को दहला दिया है. ऐसा लग रहा है कि वायरस के संक्रमण के चलते कैदियों को रिहा करने से अपराधिक गतिविधियां बढ़ रही है. ऐसी परिस्थिति में पुलिस कहां-कहां ध्यान दे, यह समझ नहीं आ रहा है.


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