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मुंबई : मध्य प्रदेश कांग्रेस के कद्दावर नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के पार्टी छोड़ने के बाद अब महाराष्ट्र में मिलिंद देवड़ा के भी पाला पलटने की अटकलें तेज हो गई हैं. सूत्रों के मुताबिक देवड़ा के बीजेपी में जाने की अटकलें तेज हो गई हैं. देवड़ा को अपने पाले में करने के लिए बीजेपी उन्हें राज्यसभा का टिकट दे सकती है. महाराष्ट्र की 7 राज्यसभा सीटों के लिए 26 मार्च को चुनाव होने हैं. विधानसभा में बीजेपी के 105 विधायक हैं, जबकि उन्हें 14 निर्दलीय विधायकों का समर्थन प्राप्त है. राज्यसभा का चुनाव जीतने के लिए 43 विधायकों का समर्थन जरुरी है. ऐसे में यदि देवड़ा को बीजेपी से टिकट मिलता है तो उनकी जीत निश्चित है,

सिंधिया और देवड़ा की स्थिति कई मायनों को लेकर एक जैसी है. दोनों कांग्रेस के हाई प्रोफाइल नेता हैं और पिछले साल हुए लोकसभा चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था. चुनाव में हार के बाद जहां पार्टी में सिंधिया की अनदेखी की जा रही थी. उसी तरह महाराष्ट्र में भी देवड़ा हाशिए पर हैं. माना जा रहा था कि देवड़ा को दोबारा मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष बनाया जा सकता है या फिर उन्हें दिल्ली में कोई पद दिया जाएगा, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ है.

देवड़ा के पार्टी छोड़ने के प्रेशर को देखते हुए कांग्रेस पर उन्हें राज्यसभा का टिकट देने का दवाब बढ़ गया है. यदि सिंधिया की राह पर चलते हुए देवड़ा भी पार्टी से किनारा करते हैं, तो कांग्रेस के लिए यह डबल झटका होगा. जिससे उबरना पार्टी के लिए आसान नहीं होगा. कांग्रेस की ओर से महाराष्ट्र में राज्यसभा की 1 सीट के लिए 5 दावेदार हैं. इन दावेदारों में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मुकुल वासनिक, राजीव सातव, अविनाश पांडे और रजनी पाटिल के अलावा मिलिंद देवड़ा शामिल है. इस दौड़ में देवड़ा का दावा कमजोर माना जा रहा था, लेकिन अब सिंधिया के पार्टी छोड़ने के बाद देवड़ा फ्रंट रनर बन आ  गए हैं. हालांकि जानकारों का कहना है कि वासनिक, सातव व पांडे जैसे सीनियर नेता को दरकिनार कर देवड़ा को राज्यसभा का टिकट देना आसान नहीं होगा.        


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