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केरल : केरल में एक स्कूल टीचर को नाबालिग छात्रा से यौन उत्पीड़न के आरोप में बुधवार को 60 साल की सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई। हैरान करने वाली बात है कि दोषी शिक्षक ने जिस नाबालिग बच्ची को अपने हवस का शिकार बनाया, वह आंशिक रूप से नेत्रहीन भी है। विशेषज्ञों ने कहा कि नाबालिग से यौन उत्पीड़न के लिए इतनी लंबी सजा का ऐलान शायद यह पहला मामला हो सकता है। सजा का ऐलान करते वक्त कोझीकोड में पोक्सो कोर्ट ने राज्य सरकार को पीड़ित परिवार को दो लाख रुपये का भुगतान करने का भी निर्देश दिया। बता दें कि शिक्षक ने पीड़िता का कई बार यौन शोषण किया और उसे न बताने की धमकी देता रहा। स्कूल के शिक्षक फिरोज खान के खिलाफ केस 2017 में सामने आया और बाद में कई छात्रों और शिक्षकों ने उनके खिलाफ मुकदमा दायर किया। पीड़ित पक्ष के अनुसार, दोषी शिक्षक ने कक्षा 6 की छात्रा के साथ कई मौकों पर यौन उत्पीड़न किया और किसी को भी उसके शोषण का पता चलने पर उसे गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी।

हालांकि, पीड़िता ने अपने कुछ क्लासमेट्स के सामने अपनी दास्तां बताई, जो आरोपियों से बदला लेने की आशंका से चुप रहे। मगर स्कूल में एक काउंसलिंग सेशन के दौरान आखिरकार उस बच्ची का दर्ज सामने आ गया और जिसके बाद शिक्षक के खिलाफ मामला दर्ज किया गया। फैसला सुनाते हुए पोक्सो कोर्ट के जज के सुब्रमा ने कहा कि एक शिक्षक को छात्रों और समाज के लिए एक आदर्श (रोल मॉडल) होना चाहिए और आरोपी नाबालिग का शोषण करने के लिए किसी भी सहानुभूति के लायक नहीं है। पिछले सप्ताह कासरगोड (उत्तर केरल) की एक पोक्सो अदालत ने कक्षा चार के एक छात्रा से यौन उत्पीड़न के आरोप में एक हेडमास्टर को 20 साल की जेल की सजा सुनाई थी। इसने सरकार से पीड़ित परिवार को 10 लाख रुपये का मुआवजा देने को भी कहा था। बता दें कि पॉक्सो अधिनियम में पिछले साल संशोधन किया गया था, जिसमें पीड़ितों के पुनर्वास के उपायों के अलावा बच्चों के खिलाफ यौन अपराधों के लिए मौत की सजा को जोड़ा गया।

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