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गाजियाबाद : गाजियाबाद जिले के इंदिरापुरम थाना के पूर्व प्रभारी इंस्पेक्टर दीपक शर्मा को मेरठ की भ्रष्टाचार निवारण कोर्ट ने दो जनवरी तक की मोहलत दी है। इससे पहले उन्हें आत्मसमर्पण करना होगा। अन्यथा उनकी संपत्ति को कुर्क करने के आदेश जारी कर दिए जाएंगे। सीआरपीसी की धारा 82 के तहत पुलिस पहले ही उनके ठिकानों पर कुर्की की नोटिस चस्पा कर चुकी है। इंस्पेक्टर दीपक शर्मा के खिलाफ जुआरियों को बिना कार्रवाई के छोड़ने और करीब 12.20 लाख रुपये के गबन आरोप हैं। इस मामले में उनके ही थाने में मुकदमा दर्ज है। मामले की जांच क्षेत्राधिकारी साहिबाबाद डॉ. राकेश मिश्रा कर रहे हैं। उन्होंने सोमवार को मेरठ की अदालत में अर्जी लगाकर इंस्पेक्टर दीपक की संपत्तियां कुर्क करने की अनुमति मांगी थी। लेकिन उसी अदालत में इंस्पेक्टर दीपक ने अपने वकील के जरिये सरेंडर की अर्जी लगा दी। ऐसे में अदालत ने क्षेत्राधिकारी की अर्जी पर सुनवाई के लिए दो जनवरी की तिथि मुकर्रर करते हुए इंस्पेक्टर दीपक को इससे पहले सरेंडर के आदेश दिए हैं। क्षेत्राधिकारी साहिबाबाद डॉ. राकेश मिश्रा ने बताया कि इससे पहले पुलिस इंस्पेक्टर दीपक की गिरफ्तारी के भी प्रयास कर रही है। गौरतलब है कि इंदिरापुरम थाना के पूर्व प्रभारी निरीक्षक दीपक शर्मा, शिप्रा सनसिटी चौकी प्रभारी उपनिरीक्षक संदीप कुमार व वैशाली चौकी पर तैनात उपनिरीक्षक सचिन कुमार पर 22 अक्टूबर की रात ग्रांड इन होटल में जुआ खेल रहे 13 जुआरियों को बिना कार्रवाई के छोड़ने और 12.20 लाख रुपये गबन करने का आरोप है।

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