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राजकोट : राजकोट शहर में कलेक्टर कार्यालय में तोड़फोड़ के 11 साल पुराने मामले में स्थानीय अदालत ने मंगलवार को पूर्व विधायक और पूर्व सांसद सहित 10 लोगों को दोषी ठहराते हुए एक साल कैद की सजा सुनाई है. राजकोट की अदालत ने 2008 में दर्ज उपद्रव और तोड़फोड़ के मामले में  इंद्रनील राज्यगुरु, कांग्रेस के नेता और बीजेपी के पूर्व सांसद देवजी फतेपारा, गोविंद राणपरिया, अशोक डांगर, मोहम्मद जावेद पीरजादा सहित 10 कांग्रेसी नेताओं को दोषी ठहराते हुए एक साल की सजा सुनाई और 5-5 हजार का जुर्माना लगाया है. हालांकि सभी दोषियों को पांच-पांच हजार रुपये के मुचलके पर जमानत दे दी गई.
राजकोट की अदालत ने जब फैसला सुनाया तो उस वक्त कांग्रेसी विधायक जावेद पीरजादा के साथ तीन आरोपी मौजूद नहीं थे, कोर्ट ने इन्हें दो दिन में हाजिर होने का निर्देश दिया है. बता दें कि भूमि कब्जा मामले में तत्कालीन कांग्रेस विधायक कुंवरजी बवालिया की गिरफ्तारी के खिलाफ 1500 से ज्यादा लोगों की भीड़ का नेतृत्व कर रहे 179 नेताओं के खिलाफ दिसंबर 2008 में प्रद्युम्न नगर थाने में मामला दर्ज किया गया था. बवालिया अब बीजेपी में हैं.  
इन पर आईपीसी की धारा 143, 147, 149, 186,188 सार्वजनिक संपत्ति नुकसान करने की धारा 3-7 के तहत अपराध दर्ज किया गया था. दोषी ठहराए गए अन्य लोगों में राजकोट जिला दुग्ध सहकारी अध्यक्ष गोविंद राणापारिया, कांग्रेस नेता अशोक डांगर, जसवंत सिंह भाटी, महेश राजपूत, भिखू वडोदरिया और गोरधन दामेलिया शामिल हैं.
 

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