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मुंबई : महाराष्ट्र के भ्रष्टाचार निरोधी ब्यूरो (एसीबी) ने एनसीपी नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री अजित पवार को विदर्भ सिंचाई घोटाला मामले में क्लीन चिट दे दी है। एसीबी ने बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर पीठ में दायर किए गए अपने हलफनामे में विदर्भ क्षेत्र में सिंचाई परियोजनाओं में कथित अनियमितताओं के मामलों में पवार की संलिप्तता से इनकार किया है। शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस की सरकार के 28 नवंबर को शपथ ग्रहण से एक दिन पहले 27 नवंबर को हलफनामा पेश किया गया था। अदालत ने इन मामलों में एसीबी को पूर्व जल संसाधन विकास मंत्री पवार की भूमिका पर अपना पक्ष रखने को कहा था। पवार विदर्भ सिंचाई विकास निगम (वीआईडीसी) के अध्यक्ष पद पर भी सेवाएं दे चुके हैं। वीआईडीसी ने उन सिंचाई परियोजनाओं को मंजूरी दी थी जिनमें अनियमितताएं किए जाने का आरोप लगाया गया है। इस मामले में हाल ही में अजित पवार से एसीबी ने पूछताछ भी की थी। गौरतलब है कि वर्ष 2012 में यह घोटाला सामने आया था। इसमें आरोप लगा था कि महाराष्ट्र में कांग्रेस और एनसीपी के शासनकाल के दौरान 1999-2000 में 35 हजार करोड़ करोड़ रुपये की अनियमिततताएं सामने आईं थीं।


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