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मुंबई : समृद्धि महामार्ग का काम तेजी से आगे बढ़ रहा है। मुंबई से नागपुर को जोड़ने वाले इस महामार्ग पर दो साल बाद 150 की रफ्तार से गाड़ियां तेजी से दौड़ेंगी। सार्वजनिक लोकनिर्माण मंत्री एकनाथ शिंदे ने बांद्रा में महाराष्ट्र राज्य सड़क विकास निगम (एमएसआरडीसी) के कार्यालय में अपने विकास कार्यों की जानकारी देते हुए यह बात कही। उन्होंने   कहा कि समृद्धि महामार्ग महाराष्ट्र के विकास की धुरी साबित होगी। समृद्धि महामार्ग में मुआवजे के मामले में शिंदे ने कहा कि देश में पहली बार ऐसा हुआ कि मुआवजे के मामले  में किसी तरह की कोई शिकायत नहीं आई। लोगों को सीधे उनके खातों में करीब 6850 करोड़ रुपए ट्रांसफर हुए हैं। समृद्धि महामार्ग के कारण विदर्भ, मराठवाड़ा और उत्तर महाराष्ट्र  के किसानों और उद्योग-धंधों को फायदा होगा। शिंदे ने कहा कि पिछली सरकार के दौरान सड़क विकास निगम 6 हजार करोड़ के घाटे में चला गया था, लेकिन पिछले पांच सालों में  कई काम इसे मिले हंै और अब ये केंद्र सरकार की तरफ से महाराष्ट्र में राजमार्ग के रखरखाव का काम भी देख रहा है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि समृद्धि महामार्ग  विश्वस्तरीय सड़क के रूप में देश की शान के रूप में हमारे सामने होगा। महाराष्ट्र के इस अब तक के सबसे बड़े सड़क प्रोजेक्ट के बारे में  शिंदे ने कहा कि करीब 705 किलोमीटर  के समृद्धि महामार्ग के बनने से मुंबई-नागपुर के बीच की फिलहाल 15 घंटे की यात्रा करीब 8 घंटे में पूरी हो सकेगी और लोग सीधे नागपुर तक 150 किलोमीटर की स्पीड से जा  सकेंगे। उन्होंने कहा कि इसे बनाने में विश्वस्तरीय टेक्नॉलाजी का इस्तेमाल किया जा रहा है। मंत्री ने कहा कि समृद्धि महामार्ग के बनने से किसानों को सबसे बड़ा फायदा होगा,   क्योंकि इसके आसपास किसान समृद्धि केंद्र बनेंगे, जो किसानों की भागीदारी के आधार पर विकसित होंगे और किसान के विकास में सहायक होंगे। समृद्धि महामार्ग का 20 फीसदी  काम पूरा होने की जानकारी देते हुए शिंदे ने कहा कि मुंबई-नागपुर समृद्धि महामार्ग के दोनों तरफ लगभग 1400 किलोमीटर लंबी सुरक्षा दीवार बनाई जाएगी। यह दीवार सुरक्षित  और दुर्घटना मुक्त यात्रा सुनिश्चित करेगी।


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