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    हर लड़की का सामना होता हैं की उसकी शादी बड़े की धूम - धाम से हो । बतादें की आज के समय अधिकतर ऐसे मामले सामने आ रहे हैं की लड़की को दहेज़ के लोए प्रताड़ित किया जा रहा हो या फिर लड़की का शोषण किया जा रहा हैं। देखा जाये तो मुंबई की अदालत ने दुष्कर्म मामले में दोषी को सजा सुनाते हुए यह टिप्पणी की। अतिरिक्त सत्र जज एचसी शिंदे ने 2007 में एक महिला से दुष्कर्म में 51 वर्षीय दोषी को 10 साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई।खबरों के मुताबिक कोर्ट ने कहा कि यह हमारे समाज में लड़की को लगता है कि जब तक उसकी शादी नहीं होती, उसे सम्मान नहीं मिलेगा। शादी के बाद अगर लड़का पैदा नहीं हुआ तो सम्मान नहीं मिलेगा। उन्हें सम्मान तभी मिलेगा जब उनकी शादी बरकरार रहेगी या पति के मरने से पहले उनकी मौत हो जाए। इन्हीं डरों के चलते वे ऐसे झांसे में फंस जाती हैं। उन्हें ऐसे सपने दिखाए जाते हैं, जैसा कि इस मामले में दोषी ने किया।

अभियोजन पक्ष के मुताबिक, दोषी मनोज जानी मुंबई के कांदिवली इलाके में मैरिज ब्यूरो चलाता था, जहां 31 वर्षीय पीड़िता टेलीफोन ऑपरेटर के तौर पर काम करती थी। जानी ज्योतिष का काम भी करता था। इस दौरान पीड़िता ने उसे अपनी शादी में आ रही परेशानी के बारे में बताया।

दरअसल जानी ने उसे बताया कि बुरी आत्माओं की वजह से शादी में अड़चनें आ रही हैं। समाधान करने के बहाने उसने पीड़िता को भभूत दी, जिसके बाद वह बेहोश हो गई। इसके बाद जानी ने उसके साथ दुष्कर्म किया। इतना नहीं नहीं, आरोपी ने 2013 में महिला की शादी होने के बाद भी उसका उत्पीड़न किया। जब हालात बद से बदतर हो गए और उसके पति ने उसे मायके लौटने को कहा तो पीड़िता ने 2015 में पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी।


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