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दिल्ली के आनंद विहार रेलवे टर्मिनल में बने पुलिस बूथ में हेड कांस्टेबल की मौत के मामले में नया मोड़ आ गया है. दिल्ली पुलिस जिसे आत्महत्या बता रही थी, पीड़ित परिवार उसे हत्या मान रहा है. पीड़ित परिवार ने आनंद विहार रेलवे टर्मिनल के जीआरपी थाने का घेराव कर हत्या का मुकदमा दर्ज कर जांच की मांग की. परिजनों का दावा है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पुलिस के आत्महत्या की थ्योरी को नकार दिया है.
मूलरूप से यूपी के बागपत के रहने वाले नरेश पवार दिल्ली पुलिस में हेड कांस्टेबल के पद पर तैनात थे. कुछ वर्षों से उनकी तैनाती आनंद विहार रेल टर्मिनल जीआरपी थाने में थी. 16 अगस्त को टर्मिनल के एग्जिट गेट पर बने पुलिस बूथ में नरेश पवार का खून से लथपथ शव मिला था और पास ही में कांस्टेबल की सर्विस रिवॉल्वर पड़ी थी. शुरुआती जांच में पुलिस ने बताया था कि नरेश ने सर्विस रिवॉल्वर से सिर पर गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी.
पोस्टमार्टम रिपोर्ट सामने आने के बाद नरेश पवार के परिजन पुलिस की थ्योरी पर सवाल उठा रहे हैं. कांस्टेबल की पत्नी अपने बच्चों और मोहल्ले के लोगों के साथ थाने पहुंचकर नारेबाजी करने लगी और हत्या का मुकदमा दर्ज करने की मांग की. परिजनों ने आगे कहा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में आत्महत्या की बात नहीं लिखी है. उनके अनुसार पोस्टमार्टम रिपोर्ट में 5 फुट से गोली चलने की बात लिखी है. परिवार वालों का दिल्ली पुलिस से सीधा सवाल है कि कोई 5 फुट की दूरी से खुद को कैसे गोली मार सकता है? थाने के घेराव की सूचना पाकर जीआरपी की एसीपी मौके पर पहुंची और गुस्साए परिजनों को शांत कराया एसीपी ने परिजनों को आश्वासन दिया कि उनकी जो भी शंकाए हैं जांच कर उसे दूर किया जाएगा.

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