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उल्हासनगर : मुंबई शहर की सड़कों के गड्ढे भरने के लिए उल्हासनगर महानगरपालिका प्रशासन सालाना करोड़ों रुपये खर्च करता है। इसके बावजूद सड़कों की हालत बद से बदतर है। यही वजह है कि पिछले 10 साल में गड्ढों ने 164 लोगों की जान ले ली। बता दें कि गड्ढों के कारण सिर्फ 164 लोगों की जान ही नहीं गई है, बल्कि 560 लोग घायल भी हुए हैं। इन हादसों के लिए कांग्रेस ने महानगरपालिका प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया है। कांग्रेस के जिला सचिव रोहित साल्वे ने कहा कि इस बारे में शुक्रवार को महानगरपालिका मुख्यालय के सामने आंदोलन किया जाएगा। उल्हासनगर शहर सिर्फ 13 वर्ग किमी में बसा है। शहर की सड़कों की लंबाई 61.94 किमी है। पिछले 10 साल में गड्ढे भरने पर 36 करोड़ 34 लाख रुपये खर्च किए गए हैं लेकिन सड़कों की हालत को देखकर कहा नहीं जा सकता है कि यहां कोई काम हुआ है।  एक आरटीआई से पता चला है कि गड्ढों से हुई दुर्घटनाओं में 164 लोगों की मौत हुई है, जबकि 560 लोग जख्मी हुए है। खास बात यह है कि इन हादसों के बाद भी गड्ढे कम होने की बजाय बढ़ गए हैं और हादसों की संख्या में भी इजाफा हुआ है। आरोप है कि मनपा गड्ढे भरने के लिए ठेकेदारों की ‘गोल्डन गैंग’ को ही चुना जाता है। रोहित साल्वे ने कहा कि मनपा प्रशासन से कई बार शिकायत की गई, लेकिन गड्ढे भरने वाले ठेकेदारों पर कोई कार्रवाई नहीं होती है इसीलिए अब कांग्रेस ने 19 जुलाई को आंदोलन करने का फैसला किया है।



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