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मुंबई : महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के बाद किसका मुख्यमंत्री होगा, इस बात को लेकर बीजेपी और शिवसेना के बीच तनाव लगातार बढ़ता जा रहा है। एक तरफ शिवसेना दावा कर रही है कि चुनाव के बाद उसका मुख्यमंत्री होगा क्योंकि लोकसभा चुनाव के लिए बीजेपी से गठबंधन के वक्त ही अमित शाह-देवेंद्र फडणवीस और उद्ध‌व ठाकरे के बीच यह तय हो चुका है। वहीं, बीजेपी नेता लगातार बयान दे रहे हैं कि मुख्यमंत्री तो बीजेपी का ही बनेगा। बीजेपी प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक के बाद सीएम फडणवीस के करीबी मंत्री गिरीश महाजन द्वारा बीजेपी का ही मुख्यमंत्री होगा के बयान पर उद्धव ठाकरे ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। 

शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ने महाजन का नाम लिए बिना कहा कि इस बारे में पहले ही तय हो चुका है और अब किसी दूसरे को इसमें अपनी 'नाक घुसेड़ने' की जरूरत नहीं है। रविवार को उद्ध‌व ठाकरे शिर्डी में थे। जब पत्रकारों ने उनसे इस बारे में सवाल किया, तो उद्धव ने कहा, 'रोज अखबारों में इस बारे में खबरें आ रही हैं कि मुख्यमंत्री किसका होगा। मेरे लिए मुख्यमंत्री पद महत्वपूर्ण नहीं है। जो लोग मुख्यमंत्री पद का सपना देख रहे हैं, उन्हें किसानों की समस्याएं सुलझानी चाहिए। वर्ना किसानों का गुस्सा सत्ता को जलाकर राख कर देगा।'  

वहीं खबर यह भी है कि मुख्यमंत्री पद को लेकर बीजेपी की तरफ से बयानबाजी करने वाले नेताओं की शिकायत शिवसेना अमित शाह से करने जा रही है। खबरों में कहा जा रहा है कि शिवसेना नेतृत्व इस बारे में अमित शाह और देवेंद्र फडणवीस को पत्र लिखकर शिवसेना-बीजेपी गठबंधन में दरार पैदा करने की कोशिश करने वाले नेताओं के खिलाफ कार्रवाई की मांग करेगा। 

बीजेपी के वरिष्ठ नेता और जल संसाधन मंत्री गिरीश महाजन ने तो यहां तक कह दिया कि हमारी वजह से ही लोकसभा चुनाव में शिवसेना के 18 सांसद जीते हैं। जहां शिवसेना कमजोर थी, वहां बीजेपी की टीम ने शिवसेना को जिताने का काम किया। लोकसभा चुनाव के नतीजे बता रहे हैं कि राज्य में कौन बड़ा है और कौन छोटा है। इसलिए किसका मुख्यमंत्री होगा, यह बताने की जरूरत नहीं है। 

महाजन के इस तीखे बयान के बाद बीजेपी के वरिष्ठ नेता चंद्रकांत पाटील और प्रदेशाध्यक्ष रावसाहेब दानवे ने बात को संभालने की कोशिश की, ताकि दोनों पार्टियों के बीच तनाव न बढ़े। दोनों नेताओं ने कहा कि विधानसभा चुनाव दोनों पार्टियां मिलकर लड़ेंगी और लोकसभा चुनाव से ज्यादा बड़ी जीत हासिल करेंगी। हर पार्टी के कार्यकर्ता को यह लगता है कि उसकी पार्टी का मुख्यमंत्री हो, लेकिन इस बारे में फैसला उद्ध‌व ठाकरे और अमित शाह ही लेंगे। ढाई-ढाई साल का मुख्यमंत्री रहेगा या फिर पांच साल, इसका फैसला विधानसभा चुनाव नतीजों के बाद ही होगा। फिलहाल तो हर सीट जीतने के लिए मेहनत की जरूरत है। 


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