Latest News

मुंबई : भोपाल सीट से बीजेपी की सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने 2008 के मालेगांव विस्फोट मामले की सुनवाई कर रही एनआईए की विशेष अदालत में शुक्रवार को लगभग ढाई घंटे तक खड़े रहने का फैसला किया। भोपाल लोकसभा सीट से जीतने के बाद मामले की मुख्य आरोपी ठाकुर पहली बार अदालत में पेश हुई थीं। उन्हें पेश की गई कुर्सी और अदालत की सफाई व्यवस्था को खराब बताते हुए ठाकुर ने वहां बैठने से मना कर दिया। सांसद को मेडिकल आधार पर उच्च न्यायालय से जमानत मिली हुई है। शुक्रवार सुबह सुनवाई की शुरुआत में विशेष न्यायाधीश वी एस पडालकर ने उन्हें कमरे के पीछे आरोपियों के लिए बनाए गए बाड़े में बैठने के लिए कहा। इससे पहले कि वह बाड़े के अंदर लकड़ी की बेंच पर बैठतीं, उनके सहयोगियों ने एक लाल मखमल का कपड़ा उस पर बिछा दिया। ठाकुर मामले के सह-आरोपी सुधाकर द्विवेदी और समीर कुलकर्णी के साथ वहां बैठ गईं। बाद में, जब न्यायाधीश ने उन्हें गवाह के लिए बने सामने वाले कठघरे में बुलाया और पूछा कि क्या आपको कुर्सी चाहिये, तो ठाकुर ने कहा कि वह खिड़की के सहारे खड़ा रहना पसंद करेंगी। 

इस वाकये के लगभग 15 मिनट के बाद लंच के लिए थोड़ी देर के लिए सुनवाई रोकी गई। इसके बाद जब कार्यवाही फिर से शुरू हुई, तो न्यायाधीश ने फिर पूछा, 'मैं मानवीय आधार पर पूछ रहा हूं कि क्या आप बैठना चाहती हैं या खड़ी रहना चाहती हैं?' ठाकुर ने कहा कि उन्हें गले में संक्रमण है जिसके कारण उन्हें सुनने में समस्या है। तब न्यायाधीश ने यह कहते हुए कठघरे के पास एक कुर्सी रखने का आदेश दिया कि अगर वह चाहती हैं तो वह बैठ सकती हैं। हालांकि, ठाकुर कठघरे के पास अगले ढाई घंटे तक खड़ी रहीं। 

सुनवाई समाप्त होने और न्यायाधीश के चले जाने के बाद, ठाकुर ने कहा कि अदालत में 'सुविधाओं की कमी' है। उन्हें दी गई कुर्सी की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा, 'यह बैठने की कुर्सी है। अगर मैं इस पर बैठूं, तो बिस्तर पर पहुंच जाऊंगी।' उन्होंने कहा कि वह लंबे समय तक खड़ा नहीं हो पाती हैं, ऐसे में न्यायाधीश उन्हें ऐसी कुर्सी देकर क्या साबित करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा, 'जब तक सजा नहीं होती बैठने को जगह दो, बाद में चाहिए तो फांसी दे दो।' मीडिया से बातचीत करते हुए ठाकुर ने मीडिया से कोर्ट परिसर में साफ-सफाई को लेकर भी शिकायत की। 


Weather Forecast

Advertisement

Live Cricket Score

Stock Market | Sensex

Advertisement