मंत्री प्रकाश मेहता लोकायुक्त के घेरे में, जानें क्या है पूरा मामला
मुंबई : राज्य के गृह निर्माण मंत्री प्रकाश मेहता लोकायुक्त जांच के घेरे में फंस गए हैं। उनके खिलाफ ताडदेव की एम.पी. मिल कंपाउंड में चल रहे एसआरए प्रॉजेक्ट में बिल्डर को फायदा पहुंचाने और मुख्यमंत्री के नाम का दुरुपयोग करने का आरोप है। इन आरोपों की लोकायुक्त जांच चल रही है। गुरुवार को खबर आई कि लोकायुक्त ने अपनी जांच में मेहता के खिलाफ लगे आरोपों को सही पाया है और जांच रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है। हालांकि सरकारी स्तर पर कोई भी इसकी पुष्टि नहीं कर रहा है। जैसे ही यह खबर आई कि लोकायुक्त ने अपनी जांच में मेहता को दोषी पाया है, मीडिया ने मेहता से उनकी प्रतिक्रिया जानने के लिए संपर्क किया। मेहता ने मीडिया से बात करते हुए खबर को तथ्यहीन बताया। उन्होंने कहा, 'अगर लोकायुक्त ने अपनी जांच रिपोर्ट सरकार को दी है और उसमें मेरे बारे में कुछ प्रतिकूल टिप्पणी की है, इसमें कोई सचाई होती तो मैं इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करता।'
यह है मामला
ताडदेव स्थित एमपी मिल कंपाउंड में चल रहे एक एसआरए प्रॉजेक्ट में बिल्डर को फायदा पहुंचाने के लिए नियमों से परे जाकर उसको एफएसआई कहीं और इस्तेमाल करने की इजाजत देने का आरोप है। आरोप है कि इससे बिल्डर को 500 करोड़ का लाभ हुआ है। मेहता के फैसले पर गृह निर्माण विभाग के अपर मुख्य सचिव ने जब आपत्ति जताई, तो उन्होंने फाइल की मंजूरी देते हुए टिप्पणी लिखी कि मुख्यमंत्री इस प्रकरण से अवगत हैं।
जब विपक्ष ने इस प्रकरण का भंडाफोड़ किया, तब मुख्यमंत्री ने इस मामले से अवगत होने से इनकार कर दिया। उसके बाद मेहता ने गलती से टिप्पणी लिखे जाने की बात स्वीकार कर ली थी। इस मामले को लेकर विधानमंडल के दोनों सदनों में जमकर हंगामा हुआ था। विपक्ष मेहता के इस्तीफे की मांग कर रहा था। विपक्ष के दबाव के बाद मुख्यमंत्री ने मेहता के खिलाफ लोकायुक्त से जांच कराने का ऐलान किया था। बाद में मुख्यमंत्री की अनुशंसा पर राज्यपाल ने मेहता के खिलाफ लोकायुक्त जांच की इजाजत दे दी थी।
रिपोर्ट का दावा
सूत्रों के हवाले से आम हुई खबर में कहा जा रहा है कि लोकायुक्त ने अपनी जांच में लिखा है कि मंत्री के रूप में प्रकाश मेहता ने अपनी जिम्मेदारी को निष्पक्ष रूप से नहीं निभाया।
हंगामे के आसार
17 जून से राज्य विधानसभा का मॉनसून सत्र शुरू हो रहा है। इससे पहले विपक्ष के हाथ सरकार के खिलाफ एक बड़ा मुद्दा लग गया है। विधान परिषद में विपक्ष के नेता धनंजय मुंडे और कांग्रेस की तरफ से प्रवक्ता सचिन सावंत ने मेहता को मंत्री पद से हटाने की मांग की है।