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मुंबई : मुंबई के पायल तडवी आत्महत्या केस में आरोपी तीनों डॉक्टरों को 10 जून तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। शुक्रवार को मुंबई की एक विशेष अदालत ने यह फैसला सुनाया है। अपनी जूनियर डॉक्टर पायल तडवी को मानसिक यंत्रणा देने, जातिसूचक टिप्पणी करने और आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में डॉक्टर भक्ति मेहरे, डॉक्टर हेमा आहुजा और डॉक्टर अंकिता खंडेलवाल को गिरफ्तार किया गया था। पुलिस रिमांड की अवधि खत्म होने के बाद तीनों आरोपियों को अडिशनल सेशन जज आरएम सदरानी की कोर्ट में पेश किया गया था। 

10 मई तक की न्यायिक हिरासत 

जस्टिस सदरानी ने बहस के दौरान मामले की जांच कर रही क्राइम ब्रांच की ओर से दी गई हिरासत की अवधि बढ़ाने की दलील को स्वीकार नहीं किया। क्राइम ब्रांच ने गुरुवार को ही स्थानीय पुलिस से इस मामले की जानकारी ली थी। बाद में उन्होंने तीनों को 10 जून तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया। तीनों चिकित्सकों पर बीवाईएल नायर अस्पताल में उनकी जूनियर 26 वर्षीया पायल के छात्रावास में फांसी लगाकर आत्महत्या करने के बाद मामला दर्ज किया गया था। मेहरे को मंगलवार शाम गिरफ्तार किया गया जबकि आहुजा और खंडेलवाल को बुधवार सुबह हिरासत में लिया गया था। 

तडवी के परिवार ने लगाया था आरोप 

तडवी के आत्महत्या कर लेने के बाद उनके परिवार ने आरोप लगाया था कि डॉक्टर उसे ताना मारते थे और उस पर जातिसूचक टिप्पणियां करते थे क्योंकि वह अनुसूचित जाति से आती है। इसके बाद आरोपियों के खिलाफ अनुसूचित जाति एवं जनजाति (अत्याचार रोकथाम) कानून, रैगिंग रोधी कानून, सूचना प्रौद्योगिकी कानून और भारतीय दंड संहिता की धारा 306 (आत्महत्या के लिये उकसाने) के तहत मामला दर्ज किया गया। 


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