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मुंबई : लोकसभा चुनाव में विपक्षी दलों को मिली करारी हार के बाद महाराष्ट्र की सियासत में अब महागठबंधन की सुगबुगाहट होने लगी है। महाराष्ट्र में विपक्षी महागठबंधन के घटक दलों ने मंगलवार को आगामी विधानसभा चुनाव एक साथ लड़ने की संभावना पर एक बड़ी बैठक की। इस साल के अंत में राज्य में होने वाले चुनावों को लेकर विपक्षी पार्टियों ने तमाम मुद्दों पर चर्चा की। हालांकि अब तक महागठबंधन के स्वरूप को लेकर प्रदेश में कोई आधिकारिक ऐलान नहीं किया गया है। उल्लेखनीय है कि हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में विपक्ष को सत्तारूढ़ बीजेपी-शिवसेना के हाथों करारी हार का सामना करना पड़ा। महागठबंधन के सदस्यों ने राज्य में खराब प्रदर्शन के लिए वंचित बहुजन अगाडी को भी दोषी ठहराया। भारिप बहुजन महासंघ नेता प्रकाश आंबेडकर और एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने वंचित बहुजन अगाडी का गठन किया था। इस गठबंधन ने प्रदेश की सभी 48 संसदीय सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे। कई क्षेत्रों में उसके उम्मीदवारों को अच्छी संख्या में वोट भी मिले। इन्हीं सभी पक्षों को देखते हुए राजनीतिक दलों ने मंगलवार को महागठबंधन की संभावनाओं पर चर्चा की। महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष अशोक चव्हाण ने बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा, 'हमने लोकसभा चुनाव के नतीजों और आगामी विधानसभा चुनाव के बारे में चर्चा की। हम एकसाथ आने को सहमत थे।' उन्होंने कहा कि अभी इस संबंध में विस्तृत चर्चा की जानी है। यह पूछे जाने पर कि महागठबंधन में शामिल होने के लिए अगाडी से संपर्क किया जाएगा, चव्हाण ने कहा कि यह इस बात पर निर्भर करता है कि अगाडी नेता विपक्ष के साथ हाथ मिलाने को तैयार हैं या नहीं। इससे पहले प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता रत्नाकर महाजन ने कहा था कि आगामी विधानसभा चुनावों के लिए अगाडी या राज ठाकरे की पार्टी महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के साथ कोई गठबंधन नहीं होगा। 


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