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संसद के सेंट्रल हाल में शनिवार को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) का नेता चुने जाने के बाद कार्यवाहक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को वहां मौजूद सभी सांसदों ने बधाई दी. लेकिन एक खास तस्वीर ने सबका ध्यान खींचा. भोपाल से बीजेपी के टिकट पर चुनी गईं साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर की मोदी ने अनदेखी की.

असल में, लोकसभा चुनाव खत्म होने के 2 दिन पहले नाथूराम गोडसे को राष्ट्रभक्त बताकर साध्वी प्रज्ञा ने पार्टी को मुश्किल में डाल दिया था और इसकी वजह से बीजेपी को चौतरफा आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था.

भारतीय जनता पार्टी के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बयान जारी किया गया. उन्होंने कहा है कि महात्मा गांधी और नाथूराम गोडसे को लेकर जो भी बातें की गईं हैं, वो भयंकर खराब हैं. ये बातें पूरी तरह से घृणा के लायक हैं, सभ्य समाज के अंदर इस प्रकार की बातें नहीं चलती हैं. पीएम मोदी ने कहा कि भले ही इस मामले में उन्होंने (साध्वी प्रज्ञा) माफी मांग ली हो, लेकिन मैं अपने मन से उन्हें कभी भी माफ नहीं कर पाऊंगा.

मालेगांव ब्लास्ट की आरोपी साध्वी प्रज्ञा ने चुनाव प्रचार के दौरान कहा था कि नाथूराम गोडसे देशभक्त थे, हैं और रहेंगे. जिसपर भारतीय जनता पार्टी की किरकिरी हुई थी और पूरे विपक्ष ने बीजेपी को आड़े हाथों ले लिया था. किरकिरी के बाद साध्वी प्रज्ञा ने माफी मांग ली थी, लेकिन तबतक विवाद गहरा चुका था. पहले अमित शाह का बयान आया और फिर उसके बाद नरेंद्र मोदी ने बयान दिया.

बहरहाल, साध्वी पहले ही मुसीबत में फंस चुकी हैं, जिसके बाद मोदी को कहना पड़ा था कि वो उन्हें दिल से माफ नहीं करेंगे. अभी साध्वी प्रज्ञा ठाकुर पर बीजेपी के अनुशासन समिति की कार्रवाई की तलवार भी लटकी हुआ है, ऐसे में साध्वी को मोदी की अनदेखी महत्वपूर्ण है.


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