थाने में चीखती रही युवती, मुकदमे में जज बनी पुलिस, जानें- क्या है मामला
बेटियों की सुरक्षा को लेकर देश में नए कानून बनाने की वकालत हो रही है। मामले में सुप्रीमकोर्ट भी सख्त निर्देश दे चुका है। इसके बावजूद पुलिस ऐसे मामलों में सजग नहीं है। मंगलवार को इसका ताजा उदाहरण लालकुर्ती थाने में देखने को मिला। युवती अपने प्रेमी के साथ जाने की जिद पर अड़ी थी, लेकिन पुलिस ने उसकी एक नहीं सुनी। युवती से जबरन सुपुर्दनामे पर हस्ताक्षर कराकर पुलिस खुद जज बन गई। मामला यूपी के मेरठ शहर का है।
सिद्धार्थनगर निवासी एक युवती का बीटेक में पढ़ाई करने वाले वहीं के युवक से प्रेम प्रसंग चल रहा था। युवती के परिजनों ने दो जून को एक अन्य युवक से शादी तय कर दी है। इसके बाद युवती अपने प्रेमी के साथ भागकर मेरठ आ गई थी। रविवार को यहां पर पहले से रह रहे उसके परिवार के कुछ लोगों ने उसे देख लिया। वह युवती को साथ ले जा रहे थे। लालकुर्ती थाने के सामने युवती ने अपहरण का शोर मचा दिया। उसके बाद से प्रेमी युगल पुलिस हिरासत में थे।
मंगलवार को युवती के परिजन के साथ सिद्धार्थनगर के दरोगा उमाशंकर और एक सिपाही थाने पहुंचे। वहां युवती ने कहा कि वह प्रेमी के साथ जाएगी। वह परिजनों से नाता तोड़कर प्रेमी के संग दो दिन पहले आ गई थी। थाने में घंटों गहमागहमी के बाद सिद्धार्थनगर और लालकुर्ती पुलिस खुद ही जज बन गई। मुकदमा दर्ज होने के बावजूद जबरन युवती से सुपुर्दनामे पर हस्ताक्षर कराए गए। युवती को उसके परिजनों की सुपुर्दगी में दे दिया गया। जबकि युवती चिल्लती रही कि वह बालिग है, उसे प्रेमी के साथ जाना है। वह माता पिता के साथ नहीं जाना चाहती। बेबस युवती पुलिस और परिजनों के सामने गिड़गिड़ाती रही, लेकिन किसी ने उसकी न सुनी।
बालिग पर दबाव क्यों?
युवती बालिग है, जिसकी जानकारी पुलिस को भी थी। सुपुर्दनामे पर भी युवती की उम्र २४ साल लिखी गई है। इसके बाद भी पुलिस युवती पर दबाव बनाती रही। हालांकि लालकुर्ती पुलिस ने एक बार तो युवती के प्रति हमदर्दी जताने का प्रयास किया। लेकिन उनकी एक नहीं चली। सिद्धार्थनगर की पुलिस ने एक अधिकारी की बात भी कराई। इसके बाद पुलिस ने अपने हाथ खींच लिए।
मुकदमा सिद्धार्थनगर में दर्ज है
इंस्पेक्टर लालकुर्ती रोजंत त्यागी ने बताया कि युवती के अपहरण या गुमशुदगी का केस सिद्धार्थनगर में दर्ज है। युवती के परिजनों के साथ सिद्धार्थनगर से एक दरोगा और एक सिपाही आए थे। पुलिस ने सुपुर्दगीनामा लिखवाकर युवती को परिजन व दरोगा को सौंप दिया है। वहीं पर कार्रवाई होगी। वहां की पुलिस ही युवती के १६४ के बयान कराएगी। यह उसी की जिम्मेदारी है।