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नई दिल्ली : 2011 वर्ल्ड कप के फाइनल मुकाबले में टीम इंडिया ने जीत दर्ज की थी। भारत को दूसरी बार वर्ल्ड चैंपियन बनाने में महेंद्र धोनी के साथ-साथ गौतम गंभीर की 97 रन की पारी का भी अहम योगदान था। श्री लंका के खिलाफ खेले गए इस खिताबी मुकाबले में एक वक्त मुश्किल में फंस चुकी टीम इंडिया गंभीर ने धोनी के साथ मिलकर संभाला था। अब क्रिकेट छोड़ राजनेता बने गौतम गंभीर ने इंग्लैंड में आयोजिन होने वाले आगामी वर्ल्ड कप पर खुलकर अपनी राय रखी है। पेश हैं गंभीर से हुई इस चर्चा के खास अंश... 

वर्ल्ड कप फाइनल में आपकी 97 रन की पारी ने भारत की खिताबी जीत में अहम भूमिका निभाई....

हम सभी वर्ल्ड कप जीतने का सपना देख रहे थे। वह हमारे पास सुनहरा मौका था। हम इसे अपने हाथ से जाने देना नहीं चाहते थे। जब मैं बैटिंग के लिए क्रीज पर आया, तब हमारा स्कोर 0 रन पर 1 विकेट था। बतौर नंबर 3 बल्लेबाज मेरा यह काम था कि मैं पारी को संभालू और उसे मजबूत स्थिति में लेकर जाऊं। मैंने बस यही किया था। 

तब क्रीज पर कोई चिंताजनक क्षण था?

मुझे चिंता करने के लिए कोई पल नहीं मिला, क्योंकि जैसे ही हमारी पारी शुरू हुई हमने शुरुआत में ही वीरेंदर सहवाग का विकेट गंवा दिया। अब मेरे पास मैच की स्थिति को गहराई से सोचने का समय नहीं था, इससे मुझे अपना स्वभाविक खेल खेलने में मदद भी मिली। फिर रन आने शुरू हो गए और फिर मुझे कोई चिंता नहीं सता रही थी, जब मैं आउट हुआ, तो भारतीय टीम लगभग जीत के करीब पहुंच चुकी थी। माही (एमएस धोनी) और मैंने चौथे विकेट के लिए 109 रन जोड़े थे और हमारी जोड़ी ने टीम की जीत सुनिश्चित कर दी थी। यह मेरे लिए अच्छा ही था कि मुझे दबाव के बारे में सोचने के लिए बिल्कुल भी समय नहीं मिला। 

क्या आपको इस बात का कोई मलाल है कि आप फाइनल में शतक नहीं बना पाए?

बिल्कुल भी नहीं। हमारा लक्ष्य वर्ल्ड कप जीतना था और मैं उसमें भरपूर योगदान करना चाहता था। मैंने यही किया और किसी और छोटे स्कोर से 97 रन कहीं ज्यादा बेहतर हैं। मैं अपने शतक के लिए 3 रन और नहीं बना इसका मुझे आज भी कोई मलाल नहीं है। 

इंग्लैंड में होने जा रहे आगामी वर्ल्ड कप को लेकर आपके क्या विचार हैं..

मेरी पहली फेवरिट ऑस्ट्रेलिया है। उन्हें निश्चित तौर पर फाइनल में पहुंचना ही चाहिए और फाइनल में उनकी विरोधी टीम मेरे नजरिए से इंग्लैंड या भारत ही होंगी। ये दोनों संयुक्त रूप से मेरी दूसरी फेवरिट टीम हैं।  

इस भारतीय टीम में आपको क्या चीज सबसे बेहतर लगती है...

जहां तक टीम की बैटिंग का सवाल है, रोहित शर्मा और विराट कोहली को बैटिंग में अपना भरपूर योगदान देना होगा। बोलिंग की बात करें, तो जसप्रीत बुमराह टीम के X-फैक्टर साबित होंगे। यह बेहद वर्ल्ड कप होगा और 6 देशों में इस खिताब के लिए कड़ी प्रतिस्पर्धा देखने को मिलेगी। हर टीम को दूसरी सभी टीमों के खिलाफ खेलना होगा। हर टीम को यहां मजबूती से अपना खेल दिखाना होगा। किसी भी टीम के पास अपने किसी भी ग्रुप मैच में आराम करने का समय नहीं होगा। 

वेस्ट इंडीज के बारे में क्या ख्याल है आपका? 

क्योंकि वेस्ट इंडीज के कुछ खिलाड़ियों ने आईपीएल में बेहतर प्रदर्शन किया है इसलिए यहां उनकी चर्चा हो रही है। लेकिन मुझे लगता है कि 50 ओवरों के खेल में यह बिल्कुल अलग होगा। क्या उनके पास अच्छे स्पिनर्स हैं? जबाव है नहीं। मैं यह नहीं मान सकता कि सिर्फ फास्ट बोलरों के दम पर आप यह कप जीत सकते हैं। 

आपने बताया कि इंग्लैंड संयुक्त रूप से आपकी दूसरी पसंदीदा टीम है। इसके पीछे कोई खास वजह? 

सिर्फ इसलिए नहीं कि इंग्लैंड अपने घर पर खेलेगा। वह अब एक ऐसी टीम है, जिसने अपने खेल में सुधार किया है, उनके पास हर पॉजिशन पर क्वॉलिटी खिलाड़ी हैं। वे संतुलित हैं। इंग्लैंड की टीम जोफा आर्चर के साथ वर्ल्ड कप जरूर जाना चाहेगी। उनके टीम में चार वास्तविक ऑलराउंडर खिलाड़ी हैं। इनमें बेन स्टोक्स और मोईन अली सबसे खास होंगे। 

वर्ल्ड चैंपियन टीम बनने के लिए एक टीम के पास सबसे जरूरी खासियत क्या होनी चाहिए?

सबसे पहले, तो आत्म-विश्वास। प्रत्येक खिलाड़ी को यह भरोसा होना चाहिए कि वह वर्ल्ड कप खिताब जीत सकते हैं। इसके बाद लगातार अच्छे प्रदर्शन की क्षमता। योजना बनाना और मैदान पर उन्हें सही से लागू करना भी बहुत जरूरी है। और इस सबमें भी सबसे ज्यादा जरूरी है कि टीम में ड्रेसिंग रूम का माहौल खुशनुमा हो। टीम के हर सदस्य को हर छोटी से छोटी समस्या का पता होना चाहिए और उसके हल भी पता होने चाहिए। अगर कोई भी टीम इस सभी बॉक्स पर टिकमार्क कर लेती है, तो उनके पास वर्ल्ड कप जीतने का सबसे ज्यादा चांस होंगे। 


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