वर्जिनिटी टेस्ट की प्रथा का विरोध करने पर सामाजिक बहिष्कार
ठाणे : महाराष्ट्र के ठाणे जिले में कंजरभाट समुदाय के एक परिवार ने महिलाओं के वर्जिनिटी टेस्ट की प्रथा का विरोध करने पर सामाजिक बहिष्कार किए जाने को लेकर पुलिस से संपर्क किया है। एक अधिकारी ने गुरुवार को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि पीड़ित परिवार की शिकायत के आधार पर ठाणे पुलिस ने अंबरनाथ कस्बे के 4 लोगों के खिलाफ बुधवार की रात मामला दर्ज किया है। ठाणे पुलिस ने महाराष्ट्र जन सामाजिक बहिष्कार निषिद्ध (रोकथाम, निषेध और निवारण) अधिनियम के तहत यह मामला दर्ज किया है। शिकायतकर्ता विवेक तमाइचिकर ने पुलिस को बताया कि उनके समुदाय की जाति पंचायत ने बीते एक साल से उनके परिवार का बहिष्कार कर दिया है। विवेक ने बताया कि इसकी वजह यह है कि उन्होंने उस प्रथा का विरोध किया था, जिसके तहत नवविवाहित महिला को यह साबित करना होता है कि वह शादी से पहले कुंवारी थी।
विवेक ने आरोप लगाया कि उनकी पंचायत ने समुदाय के सभी सदस्यों को निर्देश दिया है कि वे उनके परिवार के साथ किसी तरह का संबंध न रखें। महाराष्ट्र सरकार ने इसी साल फरवरी में कहा था कि वह जल्द ही महिला को वर्जिनिटी टेस्ट कराने के लिए बाध्य करने को दंडनीय अपराध बनाने जा रही है। बता दें कि कंजरभाट समुदाय में शादी के बाद लड़कियों के वर्जिनिटी टेस्ट की परंपरा चलती है। इसमें शादी के बाद लड़की को शादी से पहले अपने कुंवारे होने का सबूत देना होता है। अगर लड़की इस वर्जिनिटी टेस्ट में फेल हो जाती है तो उसे वापस उसके घर भेज दिया जाता है और उसकी कभी भी शादी नहीं होती है।