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सोमवार को न्यायमूर्ति भारती डांगरे और मंजूषा देशपांडे की पीठ ने दो याचिकाओं की सुनवाई की. ये दोनों याचिका आरोपी मिहिर शाह और उनके ड्राइवर राजरिशी बिदावत ने दायर की थीं. इसमें उनकी गिरफ्तारी को अवैध घोषित करने की मांग की गई थी, क्योंकि पुलिस ने गिरफ्तारी का आधार लिखित में नहीं बताया था.

आरोपी पक्ष के वकील निरंजन मुंदार्गी और ऋषि भुता ने हलफनामे में बताया कि पुलिस ने स्वीकार किया है कि गिरफ्तारी का आधार लिखित में नहीं बताया गया था. इस दौरान पीठ ने आरोपियों से पूछा,'आप किस प्रकार के नागरिक हैं. आप अपने अधिकारों की बात करते हैं, पीड़ित के अधिकारों का क्या? अपराध की गंभीरता हमें रोकती है. आपने जो किया है, उससे पीड़ित के अधिकार कुचल गए हैं. ऐसे मामलों में यदि हम तकनीकी पहलुओं पर जाएं तो भगवान हमें माफ नहीं करेंगे.'

पीठ ने स्पष्ट किया,'हम कानून और घटना की बर्बरता के बीच संतुलन बनाना चाहते हैं. जरूरी है कि आरोपी को पता हो कि उसे क्यों गिरफ्तार किया जा रहा है. क्या उसे उसके खिलाफ आरोपों के बारे में अवगत नहीं कराया जाना चाहिए? निर्धारित प्रक्रिया के मुताबिक पुलिस को आरोपी की गिरफ्तारी के कारण लिखित में बताने होते हैं. पीठ ने स्पष्ट किया,'हम कानून और घटना की बर्बरता के बीच संतुलन बनाना चाहते हैं. जरूरी है कि आरोपी को पता हो कि उसे क्यों गिरफ्तार किया जा रहा है. क्या उसे उसके खिलाफ आरोपों के बारे में अवगत नहीं कराया जाना चाहिए? निर्धारित प्रक्रिया के मुताबिक पुलिस को आरोपी की गिरफ्तारी के कारण लिखित में बताने होते हैं. पीठ ने पूरी घटना का उल्लेख करते हुए कहा कि पीड़िता कावेरी नखवा को आरोपी ने भागते समय 2 किलोमीटर से ज्यादा घसीटा था.

वर्ली इलाके में एट्रिया मॉल के पास सुबह 7 बजे एक बेकाबू बीएमडब्लू कार ने स्कूटी सवार मछुआरा दंपति प्रदीप नखवा और कावेरी नखवा को टक्कर मार दी थी. हादसे के बाद आरोपी ने कार नहीं रोकी और लंबी दूरी तक महिला कार के बोनट पर लटकी रही और सड़क पर गिर गई थी. हादसे में महिला की मौत हो गई है. घटना के बाद से आरोपी मिहिर शाह फरार हो गया था.

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