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 पूर्व पुलिस कमिश्नर  को पूछताछ के लिए 5 जुलाई को हाजिर होने के लिए कहा गया है. संजय पांडे  से मनी लॉन्ड्रिंग के एक पुराने केस में पूछताछ की जानी है. मुंबई पुलिस कमिश्नर के तौर पर उनका कार्यकाल विवादास्पद रहा था. संजय पांडे तीन दिनों पहले ही पुलिस सेवा से रिटार्यड हुए हैं.संजय पांडे 30 जून को सेवा निवृत्त हुए और तीन दिनों बाद ही ईडी ने उन्हें समन्स भेज दिया. संजय पांडे जब राज्य के डीजीपी थे तब उन्होंने तात्कालीन मुंबई पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह को पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ मामले को हल्का करने का दबाव बनाया था.

उन्हें एनएसई सर्वर कंप्रोमाइज केस मामले में समन्स भेजा गया है. चित्र रामकृष्ण मामले में एक ऑडिट कंपनी तैयार की गई थी. यह कंपनी संजय पांडे की थी. इन दोनों ही मामलों में संजय पांडे को ईडी ने नोटिस भेज कर पूछताछ के लिए बुलाया है.  आईआईटी कानपुर से कंप्यूटर साइंस से ग्रेजुएट और 1986 बैच के आईपीएस संजय पांडे पुलिस सेवा से 30 जून को रिटायर हुए. उनकी जगह बुधवार को 1989 बैच के आईपीएस ऑफिसर विवेक फणसलकर ने मुंबई पुलिस कमिश्रर का पदभार संभाला. इससे पहले 1 मार्च से लेकर अब तक मुंबई पुलिस कमिश्नर के तौर पर संजय पांडे के 4 महीनों का सफर काफी विवादास्पद रहा है. कई ऑफिसर उनके बताए केस को रजिस्टर करने में आनाकानी किया करते थे. एक सीनियर इंसपैक्टर तो एक बीजेपी नेता के खिलाफ केस रजिस्टर करने का आदेश ना मानते हुए मेडिकल लीव पर चले गए थे.

संजय पांडे के पुलिस कमिश्नर पद पर रहते हुए बीजेपी नेता किरीट सोमैया, मोहित कंबोज, नारायण राणे और निर्दलीय सांसद नवनीत राणा और विधायक रवि राणा पर शिवसेना के खिलाफ आवाज उठाने की वजह से केस दर्ज किए गए. बीजेपी नेता किरीट सोमैया ने तो उन्हें महा विकास आघाड़ी सरकार का एजेंट तक कह दिया था. लेकिन आम मुंबईकर उन्हें सोशल मीडिया के माध्यम से सीधे संवाद करने की वजह से याद रखेंगे.

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