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मुंबई : महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को आचार संहिता उल्लंघन के उस मामले में क्लीन चिट मिल गई है, जिसकी जानकारी जिला निर्वाचन कार्यालय को दी गई थी। कांग्रेस के एक प्रवक्ता द्वारा जिला निर्वाचन अधिकारी को एक मौखिक शिकायत की गई थी, जिसमें कहा गया था कि फडणवीस आचार संहिता (10 मार्च को) लागू होने के बाद राजनीतिक बैठकें करने के लिए अपने सरकारी आवास 'वर्षा' का इस्तेमाल कर रहे हैं। आचार संहिता में कहा गया कि सरकारी आवासों का इस्तेमाल राजनीतिक उद्देश्यों के लिए नहीं किया जा सकता। मुंबई शहर के कलेक्टर और निर्वाचन अधिकारी शिवाजी जोंधले ने कहा, ‘हमने शिकायत की जांच की लेकिन हमें कोई ठोस सबूत नहीं मिले। हमें सूचित किया गया था कि मुख्यमंत्री प्रत्येक दिन अपने आवास पर काफी आगंतुकों से मिलते हैं लेकिन यह कोई उल्लंघन नहीं है।’ 

निर्वाचन अधिकारी को नहीं मिला कोई सबूत 

निर्वाचन विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि यदि ऐसी कोई बैठक हुई भी तो उसे साबित करना बहुत मुश्किल है क्योंकि कोई रेकॉर्ड नहीं हैं। इस बीच निर्वाचन कार्यालय ने एनसीपी नेता धनंजय मुंडे के खिलाफ एक प्राथमिकी दर्ज कराई, जब उनके सरकारी बंगले का इस्तेमाल पार्टी नेता नवाब मलिक द्वारा पार्टी घोषणापत्र जारी करने के लिए किया गया। मुंडे विधानपरिषद में विपक्ष के नेता हैं। 

जोंधले ने कहा, ‘हमने पाया कि कार्यक्रम पूर्व निर्धारित था और मीडियाकर्मियों को एक संदेश भी वितरित किया गया, जिसमें स्थल का उल्लेख मुंडे के बंगले बी-4 के तौर पर किया गया।’ जोंधले ने कहा कि वह मुंबई दक्षिण से कांग्रेस के उम्मीदवार मिलिंद देवड़ा के खिलाफ एक शिकायत की भी जांच कर रहे हैं। जोंधले ने कहा, ‘कुछ दिन पहले प्रचार के दौरान उन्होंने धर्म के आधार पर वोट के लिए कुछ बयान दिया था। हम तथ्यों का सत्यापन कर रहे हैं।’ 


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