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मुंबई, ११वीं ऑनलाइन प्रवेश प्रक्रिया के दौरान मुंबई में ८९ हजार सीटें खाली हैं। हालांकि सीटों के खाली होने की दर पिछले वर्ष की तुलना में थोड़ी कम है। प्रवेश में वृद्धि के बावजूद कनिष्ठ महाविद्यालयों में सीटों के खाली होने का संकट बना हुआ है। मुंबई संभाग में तीन लाख २१ हजार ६२० सीटों के लिए दो लाख ५४ हजार १९४ छात्रों ने आवेदन किया था, जिसमें से दो लाख ३२ हजार २६४ (९१.३० प्रतिशत) दाखिले हुए हैं, दूसरी तरफ मुंबई में ८९ हजार ३५६ (२७.७८ फीसदी) सीटें खाली हैं।
मुंबई, ठाणे, पनवेल, पुणे, पिपरी-चिंचवड़, नासिक, अमरावती और कोल्हापुर मनपा क्षेत्रों में तीन-तीन महीने से अधिक समय से चल रहें ११वीं की ऑनलाइन प्रवेश प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। प्रदेश के पांच मनपा क्षेत्रों के एक हजार ४९७ कनिष्ठ महाविद्यालयों में चार लाख आठ हजार ८२० विद्यार्थियों में से तीन लाख ६९ हजार १४९ विद्यार्थियों की प्रवेश प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। हालांकि इसके बाद भी राज्य में एक लाख ६७ हजार सीटें खाली हैं। उल्लेखनीय है कि स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा स्वयं सहायता के माध्यम से नए कॉलेजों के साथ-साथ मान्यता प्रदान कर सीटें बढ़ाई जाती हैं। इस सूची में प्रवेश पाने के लिए छात्रों की उत्सुकता भी हर साल बढ़ती जा रही है। नतीजतन ११वीं में सीटें खाली होने की बढ़ती संख्या चिंता का विषय है।
११वीं में सर्वाधिक ८९ हजार ३५६ खाली सीटें मुंबई के कॉलेजों में हैं इसलिए मुंबई और उसके आस-पास शुरू किए गए नए कॉलेज मुश्किल में हैं। स्व-वित्तपोषण के माध्यम से स्वीकृत होने के चलते कई कॉलेजों को सरकार द्वारा अनुदान देने की आवश्यकता नहीं है। हालांकि ऐसे कॉलेजों में छात्रों को प्रवेश के लिए शुल्क का भुगतान करना पड़ता है।

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